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New Vice President: उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद सियासी हल्कों में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि उनकी जगह पर देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। इसके लिए कयासों और अटकल बाजियों का दौर चल रहा है। लेकिन उन तमाम अटकलों पर विराम लग गया है, जिनमें नीतीश या रामनाथ ठाकुर को यह जिम्मेदारी देने की बात कही जा रही थी।
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में पर्याप्त संख्याबल है, इसलिए मोदी सरकार को अपना उपराष्ट्रपति चुनने में कोई दिक्कत नहीं होगी। खबरों की मानें तो भाजपा किसी भी सहयोगी दल के नेता को नए उपराष्ट्रपति की कुर्सी सौंपने के बजाय पार्टी की विचारधारा से जुड़े किसी मज़बूत व्यक्ति को नियुक्त करना चाहती है। यानी देश का अगला उपराष्ट्रपति भाजपा से होगा।
देश के नए उपराष्ट्रपति के लिए कई बड़े नामों पर चर्चा हो रही है, जिसमें केंद्रीय मंत्री और जदयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर के नाम पर भी अटकलें लगाई जा रही थीं। इसकी वजह यह थी कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को रामनाथ ठाकुर से मुलाकात की थी।
रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं। उनके नाम पर चर्चा की यह वजह यह भी है कि वह अति पिछड़ी जाति से आते हैं। बीजेपी को विधानसभा चुनाव इसका फायदा भी मिल सकता है। लेकिन ये अटकलें निराधार हैं लेकिन अब कहा जा रहा है कि। भाजपा ने इस मुद्दे पर जदयू से कोई बातचीत नहीं की है।
सूत्रों की मानें तो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की बुधवार को रामनाथ ठाकुर से हुई मुलाकात महज औपचारिक थी। यह मुलाकात बिहार एसआईआर के मुद्दे पर हुई। इतना ही नहीं, जदयू नेतृत्व से रामनाथ ठाकुर या भावी उपराष्ट्रपति को लेकर भी कोई बात नहीं हुई है। रामनाथ ठाकुर के अलावा भाजपा अध्यक्ष ने अन्य सांसदों से भी मुलाकात की है।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद भाजपा ने उनके उत्तराधिकारी को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि यह जिम्मेदारी धनखड़ जैसे राज्यपाल या संगठन के किसी अनुभवी नेता या किसी केंद्रीय मंत्री को दी जा सकती है। भाजपा के पास ऐसे नेताओं की एक पूरी फ़ौज है, जो पार्टी कैडर से उभरे हैं।
एक भाजपा नेता ने कहा कि हम अभी इस कवायद में लगे हुए हैं। मेरा मानना है कि पार्टी एक ऐसे व्यक्ति को चुनेगी जिसका व्यक्तित्व मज़बूत हो और जिसकी छवि निर्विवाद हो। उन्होंने संकेत दिया कि भाजपा पूरी तरह से मन बना चुकी है कि इस बार उपराष्ट्रपति पद की कुर्सी किसी पार्टी पृष्ठभूमि वाले नेता को सौंपी जाए।
उपराष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार के नाम की भी जोरदार चर्चा हुई। कहा गया कि बीजेपी उन्हें उपराष्ट्रपति बनाकर बिहार में अपने किसी नेता को सीएम बना सकती है। लेकिन नीतीश कुमार का सियासी इतिहास इस बात का गवाह है कि उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद को हमेंशा से अधिक तरजीह दी है।
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आपको बता दें कि जगदीश धनखड़ ने 2022 में देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान धनखड़ की राज्यसभा में विपक्षी दलों के साथ अक्सर तीखी बहस होती रही, लेकिन विवादास्पद मुद्दों पर उनकी तीखी टिप्पणियों ने सरकार को अक्सर असहज कर दिया। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य करता है।