किरेन रिजिजू, जेपी नड्डा, मल्लिकार्जुन खरगे (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के एक कथित बयान को लेकर भाजपा के हमले पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा किरेन रीजीजू ने इस मामले पर संसद में झूठा बोला है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ये सब सिर्फ भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है। खड़गे ने दावा भी किया कि भाजपा कानून बनाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करती है, जबकि कांग्रेस की सरकारों में कभी भी धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण नहीं दिया गया।
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाला एक विधेयक पारित होने पर कड़ा विरोध जताया तथा कांग्रेस पर संविधान बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया। राज्यसभा में सदन के नेता और स्वास्थ्य मंत्री नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने कहा कि कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री शिवकुमार ने बयान दिया है कि अगर जरूरत पड़ी, तो संविधान में बदलाव किया जाएगा।
‘कांग्रेस की तैयारी कार्रवाई की तैयारी में’
खरगे ने संवाददाताओं से कहा कि जेपी नड्डा और किरेन रिजीजू ने सदन में झूठ बोला, इसलिए हमारी पार्टी उनके ऊपर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी धर्म के आधार पर आरक्षण दे रही है, जो कि सरासर झूठ है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ऐसे मुद्दे उठाकर अपनी सरकार में जारी भ्रष्टाचार को छिपाना चाहती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से कथित तौर पर नकदी मिलने का हवाला देते हुए कहा कि हाल ही में न्यायपालिका से जुड़ा एक मामला सामने आया है और भाजपा नहीं चाहती कि विपक्ष इन मुद्दों पर बात करे।
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‘भाजपा ने मुस्लिमों को ओबीसी कैटेगरी में डाला’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक में 1994 में जो आरक्षण शुरू हुआ, उसे कांग्रेस, भाजपा, जनता दल (एस) और उस वक़्त की सभी पार्टियों ने स्वीकार किया। ये सभी की सरकारों में रहा है और आज भी है। खरगे ने कहा कि भाजपा को दर्द हो रहा है, क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस की गारंटी जनता के बीच जा रही है तथा कांग्रेस की लोकप्रियता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को कभी अलग से आरक्षण नहीं दिया गया। खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते अपने राज्य में मुस्लिमों को ओबीसी की सूची में डाला था और अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार से निवेदन किया था कि राज्य की सूची को केंद्र की सूची में डालकर लागू किया जाए।