राज्य सभा में खराब सोलर पैनल के निस्तारण का मुद्दा उठाया गया
नई दिल्ली : राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को सौर पैनलों के खराब होने के बाद उसमें पाई जाने वाली धातुओं के निस्तारण की मांग सरकार के सामने उठाई। पंजाब के सीमाई गांवों का समुचित विकास न होने, मादक द्रव्यों के बढ़ते जाल से लेकर स्कूलों में प्रॉक्सी शिक्षक जैसे मुद्दे उठाए तथा सरकार से इनके समाधान की मांग की।
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के गोविंदभाई लालजीभाई ढोलकिया ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर भारत की स्थिति ऐसी है जहां सौर ऊर्जा की कमी नहीं बल्कि बहुतायत है। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक 225 गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है तथा जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को देखते हुए यह जरूरी भी है। ढोलकिया ने कहा कि सौर पैनलों की औसत आयु 20 से 30 साल होती है जिसके बाद उनका निस्तारण करना होता है।
ढोलकिया ने कहा इन पैनलों में तांबा, सीसा, एल्युमिनियम और कैडमिनियम सहित अन्य आदि धातुएं होती हैं जो पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होती हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सौर ऊर्जा और सौर पैनलों की बढ़ती जरूरत तथा पैनलों के निस्तारण को ध्यान में रखते हुए सरकार को राष्ट्रीय सौर अपशिष्ट प्रबंधन निकाय बनाने पर विचार करना चाहिए।
आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने मादक पदार्थ के बढ़ते जाल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दस दस साल के बच्चे भी अब इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। यह समस्या तेजी से ग्रामीण इलाकों में भी फैल रही है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ हर जगह उपलब्ध हो जाते हैं और महानगरों में तो यह आम है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना के एक प्रमुख युद्धपोत ने पश्चिमी हिंद महासागर में 2,500 किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थ जब्त किया है।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की डॉ फौजिया खान ने स्कूलों में प्रॉक्सी टीचर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कभी शिक्षा विद्या दान थी लेकिन आज यह कारोबार बन गई है और इसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। कई स्कूलों में शिक्षक विभिन्न कारणों का हवाला देकर लंबे समय तक अनुपस्थित रहते हैं और वेतन लेते रहते हैं। प्रॉक्सी टीचर की मदद से काम चलता रहता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।