हाथरस( सोर्स:-सोशल मीडिया)
न्यू दिल्ली: मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के कारण 120 से ज्यादा लोगों की जान चली। ये घटना इतनी भयावह है जिसको लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने दुख जताते हुए भारतीय की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा है। जिसकी जानकारी भारत में रूसी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है।
✍🏻 Vladimir #Putin:
Please convey words of sympathy and support to the near and dear ones of the deceased as well as wishes for a speedy recovery of all injured. https://t.co/Vcqiy2UZo7
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) July 3, 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाथरस जिले में सत्संग समारोह के दौरान भगदड मचने की घटना में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब के दौरान कहा कि ‘‘ चर्चा के बीच मुझे अभी एक दुखद खबर दी गई है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक कार्यक्रम में भगदड़ मचने से कई लोगों की दुखद मृत्यु की सूचना आ रही है। मैं मृतकों के प्रति अपनी संवेदना (शोक) व्यक्त करता हूं। मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।” इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घटने का जयजा लिया और साथ ही कहा कि “उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। आगरा के अपर पुलिस महानिदेशक और अलीगढ़ के आयुक्त के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि “प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
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हाथरस घटना को लेकर पूरा देश स्तभ्द है। वहीं इसके मुख्य आरोपी की तालाशी को लेकर अभी तक प्रशासन कठघरे में है, लेकिन इस घटना के मुख्य कारण की बात करें तो मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति ने लगभग 150 बीघे के खुले मैदान में सत्संग का आयोजन किया था। कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के शामिल होने की अनुमति ली गई थी और तीन गुना ज्यादा यानी ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटाई गई थी। व्यवस्थाएं भी बाबा के सेवकों और आयोजन समिति से जुड़े लोगों ने संभाली थीं। मिली जानकारी के अनुसार मौके पर सिर्फ 40 पुलिसकर्मी मौजूद थे। मृतक लोग धार्मिक उपदेशक भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने आए थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका यहां आना उनके मृत्यू का कारण बन जाएगी।