राहुल गांधी, सोनिया गांधी (फोटो-सोशल मीडिया)
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस गांधी परिवार के लिए गले की फांस बन गया है। राउज एवेन्यू कोर्ट कथित भ्रष्टाचार के इस मामले में 2 अगस्त को सुनवाई करने वाली थी, लेकिन अब एक और तारीख मिली है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर को दी है। नेशनल हेराल्ड का मामला लंबे समय से चल रहा है। इसकी जड़ें आजादी से पहले शुरू हुए एक ऐतिहासिक न्यूज पेपर से जुड़ी हुई हैं।
नेशनल हेराल्ड मामले को सबसे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा उठाया गया था। उन्हीं की शिकायत पर यह मुकदमा दर्ज हुआ था। स्वामी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी सहित कई अन्य कांग्रेस नेताओं पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 2000 करोड़ रुपये की मूल्य वाली नेशनल हेराल्ड को मात्र 50 लाख रुपये में मालिकाना हक हासिल किया गया, जो अवैध व धोखाधड़ी पर आधारित एक सौदा है।
कांग्रेस की सहयोगी कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड यानी YIL ने नेशनल हेराल्ड को खरीदा था। यंग इंडियन प्राइवेट लिमेटेड में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की 38-38 प्रतिशत भागीदारी थी। स्वामी का आरोप है कि नेशन हेराल्ड की संपत्तियों पर YIL ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। हालांकि इस मामले में दोनों कांग्रेस नेताओ को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी और इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) प्रकाशित करता था। साल 2008 में वित्तीय संकट के चलते अखबार का प्रकाशन बंद हो गया, जिसके बाद 2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई। वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में आरोप लगाया कि यंग इंडियन ने 50 लाख रुपये में AJL की संपत्तियां हासिल कर लीं। जबकि इसकी बाजार कीमत 2 हजार करोड़ रुपये थी। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा तो प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच शुरू की।
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प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच में निकला कि यंग इंडियन कंपनी ने AJL की संपत्तियां जिस कीमत पर खरीदीं, वह तात्कालीन बाजार कीमत से काफी कम थी। इस लेन-देन को ईडी ने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का केस माना। इसके बाद नवंबर 2023 में ईडी ने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और 90 करोड़ रुपये के AJL के शेयर जब्त कर लिये। जब्त संपत्ति को आपराध से अर्जित आय बताया गया।
बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामला एक आपराधिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक बड़े राजनीतिक घराने से जुड़ा हुआ है। इस लिए यह मामला गंभीर है। वहीं कांग्रेस की तरफ से इस मामले को राजनीतिक बताया जाता रहा है। अब निगाहें 18 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी हैं।