लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (सोर्स - सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पर जवाब देते हुए कहा कि देश में आने वाले हर विदेशी नागरिक की जानकारी रखना जरूरी है। यह बिल लागू होने के बाद विदेशी नागरिकों के आगमन, प्रवास और उद्देश्य की निगरानी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि रोहिंग्या या बांग्लादेशी अवैध तरीके से देश में घुसकर अशांति फैलाने की कोशिश करेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। शाह ने कहा कि भारत की संस्कृति हमेशा शरणार्थियों का स्वागत करने की रही है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस खारिज कर दिया। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने गृह मंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए यह नोटिस दिया था।
#WATCH | Delhi | Replying in the Lok Sabha on the Immigration and Foreigners Bill, 2025, Union Home Minister Amit Shah says, “Immigration is not a separate issue. Many issues of the country are linked to it… From the point of view of national security, it is very important to… pic.twitter.com/hXpjWtMOgz
— ANI (@ANI) March 27, 2025
लोकसभा में इमिग्रेशन बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर पूरी निगरानी रखी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी देश की शांति भंग करने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शाह ने कहा कि इस बिल के तहत हर विदेशी नागरिक के भारत में आने, ठहरने और उद्देश्य की जानकारी दर्ज की जाएगी। इससे सरकार को सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठ कर अशांति फैलाने की कोशिश करेंगे, तो सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।
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गृह मंत्री ने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संधियों का हिस्सा बनने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमारी संस्कृति सदियों से शरणार्थियों का स्वागत करती आई है। पारसियों से लेकर यहूदियों तक, जब भी किसी समुदाय को संकट हुआ, भारत ने हमेशा अपने दरवाजे खोले हैं। इसके अलावा, लोकसभा ने डिजास्टर मैनेजमेंट (संशोधन) बिल और रेलवे (संशोधन) बिल में तकनीकी बदलाव को मंजूरी दे दी। ये बिल पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुके थे और अब कानून बनते ही 2025 की तारीख के साथ लागू होंगे।