आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (सौजन्य IANS)
RJD leader Tejashwi Yadav asked questions: बिहार में चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) जारी होने के बाद से लगातार बवाल जारी है। नई लिस्ट के मुताबिक, वोटर लिस्ट से 65 लाख से ज्यादा नामों को हटा दिया गया है। इसको लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के कार्य प्रणाली पर सावल उठाए हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) में 65 लाख लोगों के नाम काटे जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जो सूची सामने आई है उसमें कुछ भी नहीं बताया गया। इसे लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई है।
तेजस्वी यादव का कहना है कि, चुनाव आयोग ने जिन 𝟔𝟓 लाख मतदाताओं के नाम हटाया है उससे संबंधित हमारे कुछ वाजिब एवं तार्किक सवाल है। क्या 𝐄𝐂𝐈𝐒𝐕𝐄𝐄𝐏 इसका बिंदुवार जवाब देगा?
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𝟏. इन 𝟔𝟓 लाख मतदाताओं को मृत, स्थानांतरित या अनुपस्थित घोषित करने का आधार क्या है? मृतक मतदाताओं के परिजनों से कौन सा दस्तावेज लिया जिसके आधार पर उनकी मौत की पुष्टि हुई?
𝟐. जिन 𝟑𝟔 लाख मतदाताओं को चुनाव आयोग स्थानांतरित बता रहे है, अस्थायी रूप से पलायित बता रहे है उसका क्या आधार क्या है? 𝐄𝐂 स्पष्ट करें। अगर अस्थायी पलायन से 𝟑𝟔 लाख गरीब मतदाताओं का नाम कटेगा तो फिर यह आंकड़ा भारत सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार बिहार से प्रति वर्ष बाहर जाने वाले 𝟑 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों से भी अधिक होना चाहिए।
𝟑. क्या इनकी फिजिकल वेरिफिकेशन हुई थी?
𝟒. क्या नियम के तहत 𝐁𝐋𝐎 भौतिक सत्यापन के लिए तीन बार मतदाताओं के घर गए थे?
𝟓. क्या 𝐁𝐋𝐎 ने भौतिक सत्यापन के बाद मतदाताओं को 𝐀𝐜𝐤𝐧𝐨𝐰𝐥𝐞𝐝𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐒𝐥𝐢𝐩 या कोई रसीद प्राप्ति अथवा पावती दी थी?
𝟔. सम्पूर्ण बिहार में कितने प्रतिशत मतदाताओं को 𝐀𝐜𝐤𝐧𝐨𝐰𝐥𝐞𝐝𝐠𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐒𝐥𝐢𝐩 दी गई? क्या इसकी दर 𝟏 प्रतिशत से भी कम नहीं है?
𝟕. क्या मतदाताओं को उनका नाम काटने से पहले कोई नोटिस या सूचना दी गई थी?
𝟖. क्या सूची से हटाए गए इन 𝟔𝟓 लाख मतदाताओं को अपील का मौका मिला?
𝟗. जब आप इतने लोगों के घर गए नहीं, पावती आपने दी नहीं, नाम काटने से पहले नोटिस आपने दिया नहीं तो इसका स्पष्ट मतलब है आप 𝐭𝐚𝐫𝐠𝐞𝐭𝐞𝐝 काम कर रहे है और लोकतंत्र को खत्म कर रहे है।
𝟏𝟎. ऐसे गणना प्रपत्रों की संख्या कितनी है जिनके साथ कोई दस्तावेज संलग्न नहीं था एवं ऐसे कितने प्रपत्र है जिनके साथ फोटो संलग्न नहीं था? यह आंकड़ा भी चुनाव आयोग सार्वजनिक करें।