(डिज़ाइन फोटो)
कोलकाता: एक खबर के अनुसार कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप भी है। वहीं अब एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने बी इस बाबत PMLA के तहत केस दर्ज कर लिया है। इसी क्रम में आज यानी शुक्रवार 6 सितंबर को ED ने संदीप के घर सहित 6 ठिकानों पर छापा मारा है।
बता दें कि इस मामले की CBI भी जांच कर रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते 13 अगस्त को CBI को आरजी कर रेप-हत्या केस और अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी की जांच सौंपी थी। CBI जांच के खिलाफ घोष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। संदीप घोष ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने की उनकी याचिका खारिज कर दी गयी है।
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#WATCH | Kolkata, West Bengal: Enforcement Directorate raid underway at the residence of former principal of Kolkata’s RG Kar Medical College Sandip Ghosh.
ED had registered a case of PMLA in the financial irregularities case. Ghosh is presently in the custody of CBI pic.twitter.com/WJUE9UhbUb
— ANI (@ANI) September 6, 2024
दरअसल हाईकोर्ट ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का बीते 23 अगस्त को आदेश दिया था। हाईकोर्ट का बीते 23 अगस्त का आदेश अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर आया था, जिन्होंने घोष के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कथित वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच का अनुरोध किया था। फिर हाईकोर्ट ने याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने के घोष के अनुरोध को भी खारिज कर दिया था और कहा था कि वह मामले में ‘‘आवश्यक पक्षकार” नहीं थे।
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बता दें कि CBI ने घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। वे 8 दिन की CBI कस्टडी में हैं। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग घोष को सस्पेंड कर चुका है। इससे पहले 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने संदीप घोष की सदस्यता रद्द कर दी थी।
जानकारी दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रदर्शन में शामिल हुए पीड़िता प्रशिक्षु चिकित्सक के माता-पिता ने यह गंभीर आरोप लगाया कि घटना सामने आने के बाद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें पैसे देने की कोशिश की थी। अस्पताल में बीते नौ अगस्त को उनकी बेटी का शव मिला था।पीड़िता चिकित्सक के पिता ने कहा था कि, ‘‘पुलिस शुरू से ही मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। हमें शव को देखने की इजाजत नहीं दी गई और जब शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया तब तक हमें थाने में इंतजार करना पड़ा। बाद में जब शव को हमें सौंपा गया, तब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें धन की पेशकश की लेकिन हमने इसे लेने से तुरंत इनकार कर दिया।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)