प्रतिकात्मक तस्वीर (फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
फरीदाबाद : देशभर में साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट करके पैसों की ठगी करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पुलिस और संबंधित अधिकारियों द्वारा बार-बार इस बारे में अलर्ट किए जाने के बावजूद आए दिन साइबर क्राइम की ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला फरीदाबाद का है जहां एक सेवानिवृत्त एअरफोर्स अधिकारी से साइबर अपराधियों ने ट्राई और CBI का अधिकारी बनकर कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 5 लाख रुपये की ठगी की।
ठगी का एहसास होने के बाद पीड़ित ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने बताया कि पीड़ित सेवानिवृत्त एअरफोर्स अधिकारी बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी गांव के मूल निवासी हैं। 55 वर्षीय पीड़ित आदित्य कुमार झा वर्तमान में पंजाब नेशनल बैंक में लिपिक पद पर कार्यरत हैं। वे वर्तमान में डिस्कवरी पार्क सेक्टर-80, ग्रेटर फरीदाबाद में रहते हैं।
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि हरियाणा चुनाव ड्यूटी से लौटने के एक दिन बाद उन्हें 6 अक्टूबर को एक अज्ञात नंबर से सुबह लगभग 9:50 बजे वीडियो कॉल आया था। इस दौरान वे घर पर अकेले थे। उनकी पत्नी और बेटा दिल्ली गए हुए थे। पुलिस ने बताया कि झा को फोन करने वालों में से एक ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उनका मोबाइल नंबर दो घंटे में डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा, क्योंकि दिल्ली में किसी ने आधार कार्ड से सिम खरीदा है जिससे अब जुए के मैसेज भेजे जा रहे हैं। वीडियो कॉल पर एक अन्य जालसाज ने खुद को CBI का डीसीपी विजय कुमार बताते हुए झा से कहा कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। दोनों फर्जी अधिकारियों ने झा को दो घंटे के अंदर CBI के दिल्ली ऑफिस पहुंचने को भी कहा। इस घटनाक्रम से झा बहुत ज्यादा परेशान हो गए।
अपनी शिकायत में झा ने आगे बताया कि उन्होंने CBI के दिल्ली ऑफिस आने से मना कर दिया जिस पर फर्जी अधिकारियों ने उनसे कहा कि उनके खिलाफ 6.68 करोड़ रुपये से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। झा ने कहा, ”मुझ पर किसी नवाब मलिक के साथ मामले में शामिल होने का आरोप भी लगाया गया।” इसके बाद जालसाजों ने झा से उनके बैंक खातों की डिटेल मांगी और इस दौरान उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके रखा। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि अगर उन्होंने वीडियो कॉल काटी तो उनके परिवार के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान आरोपियों ने पीड़ित को जांच के नाम पर एक बैंक खाते में एक बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए भी कहा। जब रकम उनके खाते में नहीं पहुंची तो उन्होंने झा को कहा कि वे बिहार मधुबनी जाकर अपने बैंक की होम ब्रांच से पैसा ट्रांसफर करें। इसपर झा बिना फोन कट किए ट्रेन से बिहार चले गए और कहे अनुसार खाते में 5.03 लाख रुपये ट्रांसफर किए|
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पुलिस ने बताया कि इस दौरान पीड़ित को लगभग 55 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। बता दें कि डिजिटल अरेस्ट’ एक प्रकार की साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले ईडी अधिकारी या अन्य सरकारी अधिकारी बनकर ऑडियो या वीडियो कॉल के जरिए पीड़ितों को धमकाते हैं और उन्हें पैसे देने के लिए मजबूर करते हैं। घटना को लेकर झा के एक रिश्तेदार विनोदानंद झा को शक पैदा तब हुआ जब उसने उस नंबर पर कॉल की जिससे सबसे पहले पीड़ित को कॉल आई थी। इस नंबर पर कॉल नहीं लगी जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में झा के बेटे को इस बारे में बताया। इसके बाद पीड़ित और उनके बेटे ने फरीदाबाद में साइबर अपराध सेंट्रल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि पैसे कई अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए थे। फिलहाल मामले में जांच की जा रही है।