(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
नई दिल्ली/वाराणसी : बीएचयू परिसर में चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई और उनके चोरी होने के संबंध में याचिका दाखिल करके NGT से विश्वविद्यालय और उसके कुलपति पर भारी जुर्माना लगाने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में एक समिति की रिपोर्ट पर याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने 9 नवंबर को अपना जवाब दाखिल किया था। समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि 1,300 एकड़ में फैले BHU परिसर में चंदन के 7 और कई अन्य प्रजातियों के 26 पेड़ों समेत कुल 33 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है।
समिति ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए बीएचयू पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है, साथ ही कुलपति पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए सुधारात्मक और पुनरुद्धार के उपाय किये जा सकते हैं।”
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इस संबंध में याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने पुलिस की कार्रवाई पर भी आरोप लगाया। उनके अनुसार विश्वविद्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई और इनकी चोरी के मामले में स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई बंद कर दी। याचिकाकर्ता के जवाब में कहा गया, ‘‘इसलिए इस पूरे मामले की जांच के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की जा सकती है। बीएचयू के भ्रष्ट और दोषी अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने के अलावा आपराधिक कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है।” इस जवाब में यह सुझाव भी दिया गया है कि सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से मिलान करके पेड़ों की कटाई से संबंधित वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
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इस संबंध में 29 अक्टूबर को वाराणसी के DFO और केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय की समिति ने NGT के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि पेड़ों के अवैध कटान के संबंध में याचिकाकर्ता के आरोप सही हैं। रिपोर्ट में कहा गया था कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने वन विभाग को जानकारी दी थी कि BHU परिसर से चंदन के पेड़ चोरी हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘विश्वविद्यालय में उक्त स्थान पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं, सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं और किसी भी सामान को बाहर नहीं ले जाने के लिए हर गेट पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। ऐसे में चोरी की यह घटना संदिग्ध है। चंदन के पेड़ काटे गए और पूरी लकड़ी रातों-रात गायब कर दी गई। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अपराधियों को पकड़ने और कीमती लकड़ी को बरामद करने के लिए कोई उचित प्रयास नहीं किया गया।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)