सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लाने की तैयारी
नवभारत डेस्क: रणवीर इलाहाबदिया के भद्दे कमेंट पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों से जागी केंद्र सरकार सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लाने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार इस कोड का पालन 5 से 50 लाख वाले फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर्स को करना होगा, जिससे भविष्य में इंडियाज गॉट लेटेंट जैसे शो से देशभर में लोगों की भावनाएं आहत न हो। साथ ही इंफ्लूएंसर्स को कंटेंट की रेटिंग भी देना अनिवार्य होगा।
बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी के कंटेंट को लेकर सरकार विभिन्न स्तरों पर कदम उठा रही है। बच्चों को अश्लील और अभद्र कटेंट से दूर रखने के नियम का मसौदा, ओटीटी प्लेटफार्मों के स्व-नियामक निकायों के लिए एडवाइजरी तथा डिजिटिल इंडिया विधेयक का मसौदा तैयार करने पर काम चल रहा है।
इस बीच इंडियाज गॉट लेटेंट के विवाद ने सोशल मीडिया की एक और बदसूरत तस्वीर सबके सामने पेश की है, जिसके मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इलाहाबदिया की याचिका पर सुनवाई के दौरान कड़ी आलोचना की। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से विशेष तौर पर पूछा कि भद्दे कंटेंट पर लगाम कसने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। इसकी जानकारी अगली सुनवाई में अदालत को दी जाए।
सूत्रों के अनुसार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए कोड ऑफ कंडक्ट जारी करेगा। इसमें इंफ्लूएंसर्स को रेटिंग के साथ डिस्क्लेमर भी देना होगा। जैसा कि आपने फिल्मों की शुरुआत में नशीली वस्तुओं, हिंसक सीन के बारे में देखा होगा। रेटिंग से अश्लीलता, फूहड़ता और भौंडेपन का दायरा भी कोड ऑफ कंडक्ट में तय किया जाएगा। पांच से 50 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर के लिए इसमें कोई माफी नहीं होगी तथा शिकायतों पर तत्काल संबंधित प्राधिकार, पुलिस, प्रशासन या अन्य एजेंसी द्वारा कदम उठाया जाएगा।
कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन पर देश में लागू मौजूदा आपराधिक कानून तथा विशेष कानून के तहत कदम उठाया जाएगा। ये कानून जुर्माने और सजा के प्रावधान वाले हैं। पांच लाख से नीचे वाले इंफ्लूएंसर्स के लिए पहली गलती पर चेतावनी औऱ दूसरे पर जुर्माने, वहीं तीसरे पर कानूनी कदम उठाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
बता दें कि कि संसदीय समिति ने भी सोशल मीडिया पर फैली अश्लीलता पर सवाल उठाए थे। वहीं अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के सामने जवाब देना है कि आखिर सोशल मीडिया पर किस तरह से मजाक के नाम पर भद्दे कंटेंट को इजाजत मिली हुई है। सरकार क्या कर रही है, क्या कदम उठाए गए हैं।
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दरअसल, सरकार पहले से ही इस विषय में काम कर रही है। लेकिन फिलहाल देश में रणवीर इलाहाबादिया और समय रैना का मामले से लोग आक्रोश में हैं। इस दौरान अगर सरकार ये लागू करती है तो इसका विरोध कम होगा। बता दें कि नए कानून में यू-ट्यूबर, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया यूजर्स को रेगुलेट करने के प्रावधान रहेंगे। लगभग 15 महीने से काम किया जा रहा है।