
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके जापानी समकक्ष (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार (5 मई 2025) को दिल्ली में अपने जापान के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी से द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस दौरान दोनों पक्ष वर्तमान क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। जापान के बीच यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब पहगलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपनी चरम सीमा पर है।
भारत और जापान लंबे समय से एक-दूसरे के दोस्त है। रक्षा और सुरक्षा दोनों देशों के बीच संबंधों के महत्वपूर्ण स्तंभों मे से एक है। रणनीतिक मामलों पर बढ़ते अभिसरण के कारण हाल के वर्षों में भारत और जापान के बीच रक्षा आदान-प्रदान को बल मिला है। पिछले कुछ सालों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण से इसका महत्व बढ़ा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापानी के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी के बीच यह मुलाकात पिछले छह महीने में यह दूसरी मुलाकात होगी। नवंबर 2024 में लाओ पीडीआर में आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस के दौरान राजनाथ सिंह और नाकातानी की पहली बातचीत हुई थी। पिछले साल हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी सहयोग के के महत्व को दोहराया था।
नवंबर 2024 में हुई उस बैठक में राजनाथ सिंह और जनरल नकातानी ने दोनों सेनाओं के बीच बेहतर अंतर-संचालन के लिए आपूर्ति और सेवा समझौते के पारस्परिक प्रावधान पर विचार-विमर्श किया था। बैठक के बाद, रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा था कि, दोनों पक्ष भारतीय और जापानी सेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, चर्चा का मुख्य फोकस आपूर्ति और सेवा समझौते के प्रस्तावित पारस्परिक प्रावधान पर था।
भारत और जापान के रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक को लेकर पाकिस्तान और चीन की चिंताएं बढ़ सकती है। पाकिस्तान और भारत के रिश्ते इस वक्त नाजुक मोड़ पर हैं। वहीं इस बैठक से साउथ चाइना सी में चीन की चुनौती बढ़ने की आशंकाओं को जोर मिलता है।






