
यवतमाल जिलाधिकारी बैठक (सौजन्य-नवभारत)
Compensation Scheme: यवतमाल जिले में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत दर्ज हत्या अथवा अत्याचार के परिणामस्वरूप मृत्यु के मामलों में दिवंगत व्यक्ति के परिवार के एक पात्र वारिस को सरकारी नौकरी देने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है। इसमें यवतमाल जिले के वर्ष 2012 से 2025 तक के कुल 55 मामले शामिल हैं, जिनमें से केवल 28 मामलों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
शेष मामलों में पात्र वारिसों से दस्तावेज जमा करने की जिला प्रशासन द्वारा अपील की गई है। जिला दक्षता समिति की बैठक जिलाधिकारी विकास मीना की अध्यक्षता में राजस्व भवन में आयोजित की गई। समिति की सदस्य-सचिव मंगला मून ने प्राप्त प्रस्तावों की जानकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत की।
अधिनियम के अंतर्गत दर्ज हत्या या अत्याचार के कारण हुई मृत्यु के मामलों में दिवंगत व्यक्ति के एक वारिस को नौकरी देने संबंधी शासन निर्णय सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग द्वारा 20 नवंबर को जारी किया गया था। बैठक में समिति सदस्यों व विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने कई विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
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जिलाधिकारी मीना ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रशासन के प्रत्येक निर्णय से आम जनता का विश्वास बढ़े तथा सभी मामलों पर कार्यवाही पूर्ण पारदर्शिता और गति से की जाए। बैठक में विभिन्न शासकीय विभागों के अधिकारी, समिति सदस्य तथा संबंधित विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे।
इस निर्णय के बाद 28 नवंबर को सूचीबद्ध 55 मामलों के पीड़ित परिवारों की बैठक सहायक आयुक्त, समाज कल्याण कार्यालय में आयोजित की गई। इस दौरान नियम व पात्रता मानदंडों की विस्तृत जानकारी मून ने उपस्थित वारिसों को दी। 55 परिवारों में से 28 वारिसों द्वारा प्रस्ताव जमा किए जा चुके हैं। शेष 27 परिवारों के प्रस्ताव अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। इसलिए जल्द से जल्द प्रस्ताव दाखिल करने की अपील की गई है।






