प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Rahul Gandhi Presentation: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को अपना ‘परमाणु बम’ फोड़ दिया। उन्होंने वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन में कथित तौर पर हो रही गड़बड़ियों को लेकर प्रजेंटेशन दिया। मीडिया के सामने इस प्रजेंटेशन के जरिए उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक की वोटर लिस्ट में संदिग्ध वोटर मौजूद हैं।
राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद, हमारी शंकायें पुख्ता हो गईं कि चुनाव में चोरी हुई है। मशीन से पढ़ी जा सकने वाली मतदाता सूची उपलब्ध न कराने से हमें यकीन हो गया कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलीभगत करके महाराष्ट्र चुनाव में चोरी की है। राहुल ने कहा कि कर्नाटक में एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग बूथों की मतदाता सूची में मौजूद है। कई जगहों पर सूची में लोगों की तस्वीरें ही नहीं हैं। कई जगहों पर फर्जी पते लिखे गए हैं।
कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट की मतदाता सूची स्क्रीन पर दिखाते हुए राहुल ने कहा कि यहां 6.5 लाख वोटों में से 1 लाख वोट चोरी हुए हैं। कांग्रेस की रिसर्च में लगभग एक लाख गलत पते, एक ही पते पर बल्क वोटर और डुप्लीकेट वोटर होने की बात सामने आई है।
रायबरेली से कांग्रेस सांसद ने कहा कि कर्नाटक में हम 16 सीटें जीत सकते थे, लेकिन हमें सिर्फ़ 9 सीटें मिलीं। हमने इन सात हारी हुई सीटों में से एक की जांच की, वह सीट बेंगलुरु सेंट्रल थी। इस सीट पर कांग्रेस को 6,26,208 वोट मिले। भाजपा को 6,58,915 वोट मिले।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी (सोर्स- सोशल मीडिया)
उन्होंने आगे कहा कि दोनों पार्टियों को मिले वोटों का अंतर सिर्फ़ 32,707 था। महादेवपुरा विधानसभा सीट पर जब वोटिंग हुई, तो दोनों पार्टियों के बीच वोटों का अंतर 1,14,046 था। राहुल ने कहा – इस तरह से देखें तो 1 लाख से ज़्यादा वोट चोरी हुए। यह वोट चोरी पांच तरीकों से की गई।
महाराष्ट्र में कुछ ही महीनों में लाखों वोटरों के नाम लिस्ट में जुड़ गए, जो काफ़ी चिंताजनक है। 40 लाख वोटर रहस्यमयी हैं। यहां पांच महीनों में कई वोटर जुड़ गए। चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट के बारे में जवाब देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि वोटर लिस्ट सही है या गलत।
शाम 5:00 बजे के बाद मतदान प्रतिशत में वृद्धि भी आश्चर्यजनक है। शाम 5:00 बजे के बाद मतदान प्रतिशत क्यों बढ़ गया? चुनाव आयोग को इसका जवाब देना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने वोटों की हेराफेरी को लेकर चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं, लेकिन आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया। वोटों की चोरी पकड़ने में हमें छह महीने लग गए।
राहुल गांधी का प्रजेंटेशन (सोर्स- सोशल मीडिया)
हरियाणा में हार के लिए वोटर लिस्ट को ज़िम्मेदार ठहराया गया। ये अनियमितताएं इसलिए हैं क्योंकि चुनाव आयोग मतदाताओं का डेटा उपलब्ध नहीं कराता। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी वजह से वोटों की चोरी हो रही है। उन्होंने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए इन्हीं अनियमितताओं को ज़िम्मेदार ठहराया।
इस दौरान राहुल गांधी ने चुनावी पत्रकारों के सामने कहा कि चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं देता? हमने आयोग से बार-बार डेटा मांगा, लेकिन हमें नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने हमें जवाब देने से इनकार कर दिया।
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देश में फ़र्ज़ी मतदान हो रहा है। इस चोरी को पकड़ने में हमें काफ़ी समय लगा। इस वोटर लिस्ट में कई लोगों के पिता के नाम के आगे कुछ और लिखा है। वोटर लिस्ट में कई घरों का पता शून्य है। डुप्लीकेट वोटरों की संख्या बहुत ज़्यादा है। 11 हज़ार संदिग्ध लोग हैं जिन्होंने तीन बार वोट दिया है। ये लोग कहाँ से आ रहे हैं? एक ही पते पर 46 मतदाता हैं।