शशि थरूर ( सोर्स सोशल मीडिया)
Shashi Tharoor: अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस तरह अब तक कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया जा चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पलटवार करते हुए अमेरिका की पोल खोल दी है।
थरूर ने अमेरिका पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है और कहा है कि अमेरिका रूस से यूरेनियम, पैलेडियम समेत कई चीज़ें आयात कर रहा है। गौरतलब है कि ट्रंप भारत द्वारा रूस से तेल आयात करने से नाराज़ हैं और उसे ऐसा न करने को कह रहे हैं। लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार वही फैसला लेगी जो राष्ट्रहित में होगा।
ट्रम्प द्वारा रूसी तेल खरीद पर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि “यूरेनियम, पैलेडियम, ऐसी कई चीज़ें हैं जो वे (अमेरिका) रूस से आयात कर रहे हैं। दुर्भाग्य से, इसमें एक तरह का दोहरा मापदंड शामिल है।
उन्होंने चीन को 90 दिनों की मोहलत दी है, लेकिन चीन हमसे ज़्यादा रूसी तेल आयात कर रहा है। इसलिए ज़ाहिर है कि यह उस देश का दोस्ताना व्यवहार नहीं है जिसे हम अपने प्रति अच्छा मानते थे। उस प्रशासन का व्यवहार भी अच्छा नहीं है जिसे हम अपने प्रति अच्छा मानते थे।”
थरूर ने आगे कहा, “ज़ाहिर है, हमें इसी के अनुसार काम करना होगा और हमें इस अनुभव से सीखना होगा। मुझे लगता है कि अब भारत पर भी अमेरिकी निर्यात पर इसी तरह के पारस्परिक टैरिफ लगाने का दबाव होगा। इसलिए मुझे लगता है कि इन परिस्थितियों में हमें अपने अन्य व्यापारिक साझेदारों पर भी ज़्यादा ध्यान देना होगा।”
थरूर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह हमारे लिए अच्छी खबर है। अगर हमारा कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो जाता है, तो इससे अमेरिका में बहुत से लोगों के लिए हमारे उत्पाद अप्राप्य हो जाएंगे, खासकर जब आप इन प्रतिशतों को देखें, तो आपको इनकी तुलना हमारे कुछ प्रतिस्पर्धियों पर लगाए जा रहे टैरिफ से करनी होगी।
मुझे डर है कि अगर आप वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, यहां तक कि बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों को देखें, जहां टैरिफ हमसे कम हैं, तो अंततः लोग अमेरिका में हमसे सामान नहीं खरीदेंगे, अगर उन्हें कहीं और सस्ता मिल जाए। इसलिए यह अमेरिका को हमारे निर्यात के लिए अच्छा नहीं है।
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इसका मतलब है कि हमें उन देशों और बाज़ारों में गंभीरता से विविधता लाने की ज़रूरत है जो हमारी पेशकश में रुचि रखते हैं। अब हमारा ब्रिटेन के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता है। हम यूरोपीय संघ से बात कर रहे हैं। ऐसे कई देश हैं जहां हमें उम्मीद है कि हम ऐसा कर पाएंगे, लेकिन अल्पावधि में, यह निश्चित रूप से एक झटका है।”