डीके शिवकुमार (फोटो-सोशल मीडिया)
बेंगलुरुः कर्नाटक में सीएम कुर्सी को लेकर एक बार फिर से खींचतान का दौर शुरू हो गया है। डीके शिवकुमार के समर्थन वाले विधायकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल का समझौता हुआ था। उनके अनुसार नवंबर में ढाई साल सरकार के पूरे हो जाएंगे। विधायकों का कहना है कि यही समय है कि डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री का पद दिया जाए। मांड्या के विधायक रवि कुमार गौड़ा मुख्यमंत्री बदलने की कवायद पर कहते हैं कि अब डिप्टी सीएम को ज्यादा इंतजार नहीं कराना चाहिए।
गौड़ा से पहले विधायक इकबाल हुसैन ने तो 100 विधायकों के समर्थन का भी दावा कर चुके हैं, जब यह हाईकमान तक पहुंची तो दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक कांग्रेस अलर्ट हो गई। पार्टी में किसी प्रकार की टूट न हो इसके कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी रणदीप सुरजेवाला बेंगलुरू भेजा गया। इसके बाद सुरजेवाला ने एक-एक विधायकों से बातचीत कर मामला शांत करवाया था। इस दौरान डीके स्वयं कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। अभी हमारा ध्यान अगले चुनाव पर है।
डीके समर्थक ढील देने के मूड में नहीं
ऐसा लग रहा था राजनीतिक तूफान अब शांत हो गया है, लेकिन बीते सप्ताह डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दिल्ली गए थे। इस दौरान दोनों नेताओं ने अलग-अलग राहुल गांधी से मुलाकात की। इसके बाद से ही सत्ता का नाटक एक बार फिर शुरु हो गया। अब डीके शिवकुमार के समर्थक ढील देने के मूड में नहीं हैं, वह चाहते हैं कि आलाकमान से लेकर सिद्धारमैया खेमें प्रेशर बना रहे। इस बीच भाजपा वॉच एंड वेट के मोड में हैं। भाजपा नेता प्रल्हाद जोशी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक आपस में ही बिकने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोड़े बिकने को तैयार हैं। डीके और सिद्धा के बीच हॉर्स ट्रेडिंग का दौर शुरू हो गया है।
‘विधायकों की खरीद फरोख्त की तैयारी’
जोशी ने कहा कि डिप्टी सीएम शिवकुमार और सीएम सिद्धारमैया हॉर्ड ट्रेडिंग में व्यस्त हैं। सिद्धारमैया ज्यादा विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए पैसे और पावर का इस्तेमाल करना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने भाजपा द्वारा ऑपरेशन लोटस चलाए जाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है। हम चाहते हैं कि सरकार पूरे 5 साल चले। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल स्थिति ठीक नहीं है। कांग्रेस के घोड़े बिकने को तैयार हैं और खऱीददार भी रेडी है। मैं यह क्लियर कर दूं कि पहले 9 सीट ही पीछे थे और सबसे बड़ी पार्टी थे। हमारे साथ जनादेश था। अब जनादेश उनके साथ हैं तो हम चाहेंगे कि वे बिना किसी परेशानी के सरकार चला लें।’
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जिसके पास विधायकों का जुगाड़ वही होगा सीएम
जोशी कर्नाटक के सियासी नाटक का जिम्मेदार कांग्रेस हाईकमान को बताया है। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व काफी कमजोर है। अब स्थिति ये है कि जिसके पास विधायकों का जुगाड़ हो जाए, मुख्यमंत्री बन सकता है। यह सरकार कब तक चलेगी। इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल दोनों तरफ से दांव पेंच जारी है।