(डिज़ाइन फोटो)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी आज यानी शनिवार 31 अगस्त को 3 नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात देश को देगें । इस बाबत आज PM मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। यह तीनों ट्रेन चेन्नई से नागरकोइल, मदुरै से बेंगलुरु और मेरठ से लखनऊ के बीच दौड़ेंगीं।
इस बाबत दक्षिण रेलवे ने बीते शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि, प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल -नागरकोइल वंदे भारत और मदुरै- बेंगलुरु छावनी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। बताया गया कि नागरकोइल तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस केवल उद्घाटन के दिन डॉ. एमजीआर चेन्नई सेंट्रल स्टेशन से रवाना की जाएगी लेकिन इसकी नियमित सेवा चेन्नई एग्मोर (चेन्नई एषुंबूर) से होगी। यह बुधवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी दिन संचालित की जाएगी।
यहां पढ़ें – बाबा रामदेव की पतंजलि के इस प्रोडक्ट में ‘मछली’ का अर्क?
इस जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, रेलगाड़ी संख्या 20627 वंदे भारत एक्सप्रेस चेन्नई एग्मोर से सुबह पांच बजे रवाना होगी और उसी दिन अपराह्न 1.50 बजे नागरकोइल पहुंचेगी। नागरकोइल जंक्शन पहुंचने से पहले यह तांबरम, विल्लुपुरम, तिरुचिरापल्ली, डिंडुगल, मदुरै, कोविलपट्टी और तिरुनेवेली में रुकेगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि वापसी में यह ट्रेन संख्या 20628 के रूप में नागरकोइल जंक्शन से अपराह्न 2.20 बजे रवाना होगी और रात 11 बजे चेन्नई एग्मोर पहुंचेगी।
यहां पढ़ें – छात्र आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार को बताया जिम्मेदार, लगाए गंभीर आरोप
दक्षिण रेलवे के विज्ञप्ति के मुताबिक, मदुरै और बेंगलुरु छावनी के बीच वंदे भारत सेवा मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन संचालित की जाएगी। ट्रेन संख्या 20671 के रूप में यह मदुरै से सुबह 5.15 बजे रवाना होगी और अपराह्न एक बजे बेंगलुरु छावनी पहुंचेगी। दक्षिण रेलवे के मुताबिक यह रेलगाड़ी अपराह्न 1.30 बजे बेंगलुरु छावनी से रवाना होगी और रात 9.45 बजे मदुरै पहुंचेगी तथा दोनों तरफ डिंडुगल, तिरुचिरापल्ली, करूर, नमक्कल, सलेम और कृष्णराजपुरम में रुकेगी।
जानकारी दें कि वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत पहली बार 15 फरवरी, साल 2019 को “मेक इन इंडिया” स्कीम के तहत हुई थी। हाल-फिलहाल देश में 100 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। वंदे भारत ट्रेनों का रूट देश के 280 से अधिक जिलों को आपस में जोड़ रही हैं।