
पीएम मोदी के साथ न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन
India-New Zealand FTA: भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हो चुका है। यह समझौता “विकसित भारत 2047” के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है और किसी विकसित देश के साथ भारत के सबसे तेजी से संपन्न किए गए मुक्त व्यापार समझौतों में से एक है। इस समझौते के तहत, न्यूजीलैंड अपनी 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शुल्क को समाप्त कर देगा, जिससे सभी भारतीय निर्यातों के लिए न्यूजीलैंड के बाजारों तक बिना किसी शुल्क के पहुंच मिल सकेगी।
वार्ता औपचारिक रूप से 16 मार्च, 2025 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार और निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के बीच एक बैठक के दौरान शुरू की गई थी। पांच औपचारिक दौर की बातचीत और कई व्यक्तिगत तथा वर्चुअल बैठकों के बाद यह समझौता अंतिम रूप लिया गया है। यह समझौता भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ भारत के जुड़ाव में एक महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक मील का पत्थर है।
इस समझौते के तहत न्यूज़ीलैंड से भारत आने वाले लगभग 95 फीसदी उत्पादों पर लगने वाला टैक्स (टैरिफ) या तो पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा या फिर काफी घटा दिया जाएगा। इतना ही नहीं, समझौते के लागू होते ही आधे से अधिक सामानों पर कोई ड्यूटी नहीं लगेगी। इसका सीधा असर यह होगा कि बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे।
भारत के दृष्टिकोण से देखें तो यह समझौता हमारे निर्यातकों के लिए एक बड़ा अवसर है। इसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है। साथ ही, न्यूजीलैंड ने अगले 15 सालों में भारत में करीब 20 अरब अमेरिकी डॉलर (USD 20 Billion) के निवेश का आश्वासन दिया है। यह निवेश न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। एमएसएमई (MSME), किसान और स्टार्टअप्स के लिए न्यूज़ीलैंड का बाजार अब और अधिक खुला होगा।
यह समझौता केवल व्यापार और निवेश तक सीमित नहीं है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया है कि यह डील शिक्षा, खेल और रक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ाएगी। न्यूज़ीलैंड में पढ़ाई करने का सपना देखने वाले भारतीय छात्रों के लिए आने वाले समय में सुविधाएं और बेहतर हो सकती हैं। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच ‘पीपल-टू-पीपल’ यानी आम नागरिकों के स्तर पर संपर्क बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। खेल प्रेमियों के लिए भी यह साझेदारी नई संभावनाएं लेकर आई है, क्योंकि खेल के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
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यह समझौता वैश्विक स्तर पर भी खास महत्व रखता है। बीते कुछ वर्षों में भारत ने अपनी व्यापार नीति में सकारात्मक और प्रभावशाली बदलाव किए हैं। ओमान, यूके, ईएफटीए (EFTA) देशों, यूएई, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस के बाद यह भारत का सातवां प्रमुख मुक्त व्यापार समझौता है।






