छात्रा द्वारा आत्मदाह की कोशिश पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान (फोटो- सोशल मीडिया)
बालासोर: ओडिशा के बालासोर जिले में एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न और धमकियों से तंग आकर खुद को आग लगा ली, जिसमें छात्रा 90% तक जल चुकी है और उसकी हालत गंभीर है और वह एम्स भुवनेश्वर में अपनी जिंदगी से जूझ रही है। इस घटना ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर दिया है। अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए ओडिशा के पुलिस महानिदेशक को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
20 वर्षीय छात्रा बालासोर के एक सरकारी कॉलेज में पढ़ती थी और उसने विभागाध्यक्ष पर यौन शोषण और अकादमिक धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है। छात्रा ने कथित रूप से बार-बार शिकायतें कीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मानसिक तनाव और उत्पीड़न से परेशान होकर उसने खुद को आग के हवाले कर दिया। फिलहाल वह 90% जल चुकी है और एम्स भुवनेश्वर में वेंटिलेटर सपोर्ट पर है। घटना के बाद समाज में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी गुस्सा और चिंता गहराती जा रही है।
महिला आयोग ने मांगी तीन दिन में रिपोर्ट
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने इस गंभीर घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने ओडिशा के DGP को निर्देश जारी किए हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच हो और आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाए। आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि पीड़िता को तत्काल प्रभाव से उच्चस्तरीय चिकित्सकीय और मानसिक सहायता मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट तीन दिन के भीतर महिला आयोग को सौंप दी जाए।
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कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
यह घटना न केवल शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में लापरवाही किस हद तक घातक साबित हो सकती है। देशभर में कई छात्र संगठन और महिला अधिकार कार्यकर्ता इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी घटना को लेकर गुस्सा साफ झलक रहा है। लोगों का कहना है कि यदि पहले ही शिकायत पर कार्रवाई होती, तो शायद ये हादसा टल सकता था।