एनसीईआरटी की पुस्तक में बदलाव (फोटो- सोशल मीडिया)
NCERT History Controversy: एनसीईआरटी की आठवीं कक्षा की नई सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक ने भारतीय इतिहास को देखने के नजरिए में बड़ा बदलाव कर दिया है। मुगल शासकों पर केंद्रित इस पाठ्यपुस्तक में बाबर को “निर्मम विजेता”, औरंगजेब को “धार्मिक असहिष्णु सैन्य शासक” और अकबर को “क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण” कहा गया है। नई किताब न केवल मुगलों की आलोचना करती है, बल्कि उनके विरुद्ध हुए प्रतिरोध और भारत की विविधता को भी नए दृष्टिकोण से सामने लाती है।
“एक्सप्लोरिंग सोसाइटी: इंडिया एंड बियॉन्ड” नामक यह नई किताब एनसीईआरटी की नई शिक्षा रूपरेखा (NCFSE 2023) के तहत तैयार की गई है। इसमें मुगलों से लेकर मराठों और सिखों तक के शासन काल को नए संदर्भों में रखा गया है। किताब के शुरुआती खंड में छात्रों को यह समझाने की कोशिश की गई है कि अतीत के घटनाक्रमों को आज के नजरिए से देखना अनुचित है, लेकिन उन्हें निष्पक्षता से समझना जरूरी है। इतिहास के क्रूर पक्षों को सामने लाकर छात्रों में विवेकशील सोच विकसित करने का प्रयास किया गया है। नई किताब में इतिहास का दूसरा पक्ष यह ही बताता है।
बाबर से औरंगजेब तक, बदल गया विवरण
किताब में बाबर को “निर्मम आक्रमणकारी” कहा गया है, जिसने शहरों की पूरी आबादी का कत्लेआम किया। अकबर को लेकर लिखा गया है कि उन्होंने चित्तौड़गढ़ के 30,000 नागरिकों के नरसंहार का आदेश दिया और शासन में गैर-मुस्लिमों को सीमित भागीदारी दी। वहीं, औरंगजेब को मंदिर और गुरुद्वारों को नष्ट करने वाला सैन्य शासक बताया गया है, जिसने गैर-मुस्लिमों पर जजिया कर थोपा, जो “धार्मिक असहिष्णुता” और “वित्तीय दबाव” का प्रतीक था।
प्रतिरोध के नायकों को मिली नई जगह
इस पुस्तक में पहली बार रानी दुर्गावती, महाराणा प्रताप, ताराबाई, अहिल्याबाई होल्कर, शिवाजी, जाट किसानों, भीलों और अहोम राजाओं के संघर्षों को प्रमुखता से दर्शाया गया है। शिवाजी को न केवल कुशल रणनीतिकार बताया गया है, बल्कि उन्हें धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण वाला शासक भी कहा गया है जिन्होंने मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया।
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एनसीईआरटी के मिशेल डैनिनो ने कहा कि “यह किताब किसी धर्म या वंश को शैतान बनाने के लिए नहीं, बल्कि इतिहास को संतुलन के साथ प्रस्तुत करने के लिए है।” केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने भी इसे आवश्यक करार देते हुए कहा कि “नई पीढ़ी को सच्चाई जाननी चाहिए।”