संसद (File Photo)
Monsoon Session Of Parliament: संसद का मॉनसून सत्र का आज हंगामे के साथ खत्म हो गया। 21 जुलाई ये सत्र की शुरुआत हुई थी और अंतिम दिन तक, लगभग पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। पिचले एक महीने में संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने अलग-अलग मामलों पर जमकर हंगामा किया। इस दौरान खास तौर पर बिहार में SIR का मुद्दा सदन में छाया रहा।
पूरे सत्र के दौरान विपक्षी सांसद सदन में SIR पर चर्चा की मांग उठाते रहे। इसके बाद आज लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
बता दें कि इस मॉनसून सत्र में लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए। 419 प्रश्न शामिल किए गए और विपक्ष के हंगामे पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन में गरिमापूर्ण तरीके से चर्चा होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने मॉनसून सत्र को विजयोत्सव वाला सेशन बताया था इसके बाद भी सदन में पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक लगातार विपक्ष ने हंगामा जारी रखा। बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण बिल पेश किए। विपक्ष द्वारा इन तीनों बिलों के विरोध में सदन में जमकर हंगामा किया गया। विपक्ष के हंगामे के बीच ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरे तरीके से बैन लगाने वाले ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन तथा रेगुलेशन बिल 2025 को लोकसभा में पास किया गया।
मौजूदा वक्त में संविधान में ऐसे किसी भी प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य मंत्री को हटाने की कोई व्यवस्था नहीं है जिसकी गिरफ्तारी किसी भी गंभीर आपराधिक मामले में हुई हो। यही वजह है कि अनुच्छेद 75 (केंद्र), 164 (राज्य) और 239AA (दिल्ली) में संशोधन प्रस्तावित है ताकि संवैधानिक रूप से ऐसी कार्रवाई की जा सके।
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वर्तमान में केन्द्र शासित राज्यों के लिए मौजूद कानून ‘गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट 1963’ में किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर अपराध में गिरफ्तारी की स्थिति में हटाने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। ऐसे में सरकार इस एक्ट की धारा 45 में संशोधन करने जा रही है ताकि ऐसी स्थिति में कानूनी रूप से उन्हें पदच्युत किया जा सके।