पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फोटो- सोशल मीडिया)
CM Mamata Banerjee on GST 2.0: देशभर में लागू हुए GST 2.0 सुधारों से जहां आम जनता को बड़ी राहत मिली है, वहीं इसे लेकर अब राजनीति भी गरमा गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन सुधारों का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही केंद्र सरकार पर इसका श्रेय लेने और राज्यों को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का गंभीर आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि इन बदलावों से पश्चिम बंगाल को करीब 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व का भारी नुकसान होगा, लेकिन केंद्र इसका श्रेय लेकर केवल अपना प्रचार प्रसार करने में जुटा हुआ है।
सीएम ममला ने यह बात एक दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन के मौके पर बोलते हुए कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि GST दरों में कटौती से आम नागरिकों को सीधा लाभ होगा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि केंद्र सरकार अपने इस फैसले से भाजपा शासित राज्यों को तो किसी न किसी माध्यम से मुआवजा दे देगी, लेकिन उनके जैसे अन्य राज्यों के वित्तीय घाटे का क्या होगा? यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के कुछ ही देर बाद आया, जिसने इसे और महत्वपूर्ण बना दिया है।
प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, “हम 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व खो रहे हैं, हालांकि हम जीएसटी कम होने से खुश हैं। लेकिन आप इसका श्रेय क्यों ले रहे हैं? हमने ही जीएसटी की दरें घटाने की मांग की थी।” उन्होंने याद दिलाया कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने ही सबसे पहले स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी छूट की मांग उठाई थी। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई जीएसटी परिषद की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि यह सुझाव उनकी तरफ से ही दिया गया था।
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जीएसटी पर केंद्र को घेरने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर भाजपा शासित राज्यों में बंगाली प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे कथित अत्याचारों का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ बंगाली भाषा बोलने की वजह से लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिना उचित दस्तावेजों वाले मजदूरों को अवैध बांग्लादेशी समझकर हिरासत में लिया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है। इस तरह उन्होंने जीएसटी के आर्थिक मुद्दे को बंगाली अस्मिता और मजदूरों के सम्मान से भी जोड़ दिया।