कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: महाराष्ट्र चुनाव के आंकड़ों पर उठ रहे सवालों ने देश की चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर बहस छेड़ दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इन विसंगतियों को लेकर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के सवालों को दोहराया है। उन्होंने आयोग की चुप्पी को लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया और पारदर्शिता को संवैधानिक जिम्मेदारी बताया। कांग्रेस का कहना है कि अगर छिपाने जैसा कुछ नहीं है तो आयोग को खुलकर जवाब देना चाहिए, ताकि जनता का भरोसा चुनावी प्रक्रिया में बना रहे।
खरगे ने कहा कि मतदान के बाद अचानक प्रतिशत में आई बढ़ोतरी, मतदाता सूची में विसंगतियां और सीसीटीवी फुटेज न दिखाने जैसे कई सवाल आज भी अनुत्तरित हैं। उन्होंने मांग की है कि आयोग इन सवालों का अधिकारिक और सार्वजनिक जवाब दे। उन्होंने जोर देकर कहा कि पारदर्शिता कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि संविधान के प्रति जवाबदेही है। अगर लोकतंत्र को मजबूत करना है तो इन सवालों के जवाब अब और नहीं टाले जा सकते।
आयोग की चुप्पी पर कांग्रेस का सीधा सवाल
चुनाव आयोग द्वारा कथित रूप से भेजे गए एक अनौपचारिक पत्र पर कांग्रेस ने उसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक संवैधानिक संस्था से इस तरह की चुप्पी और अस्पष्टता की उम्मीद नहीं की जाती। कांग्रेस ने साफ किया कि राहुल गांधी के सवाल केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद से जुड़े हुए हैं, जिन पर ईमानदार और पारदर्शी जवाब जरूरी है।
वोटर डेटा, आंकड़ों और नियुक्तियों पर गहरा संदेह
कांग्रेस का आरोप है कि 2019 से 2024 की शुरुआत तक महाराष्ट्र में केवल 31 लाख नए मतदाता जुड़े, लेकिन महज पांच महीनों में 41 लाख नाम कैसे जुड़ गए? इसी तरह मतदान प्रतिशत में अचानक सात प्रतिशत की छलांग और मतदाता सूची का अंतिम अपडेट अब तक सार्वजनिक न करना कई संदेह खड़े करता है। इसके अलावा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव कर न्यायपालिका को बाहर करने पर भी कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।