
कार्यकर्ता बाबू वर्गीस ने शर्त हारकर मुंडवा ली अपनी मूंछे, फोटो- सोशल मी़डिया
Kerala Local Body Elections: केरल लोकल बॉडी चुनावों में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की हार LDF कार्यकर्ता बाबू वर्गीस के लिए इतनी निजी हो गई कि उन्होंने अपना संकल्प पूरा किया। उन्होंने चुनाव से पहले कसम खाई थी, और परिणाम आने के बाद उन्हें अपनी मूंछें मुंडवानी पड़ीं।
पथानामथिट्टा नगर पालिका चुनाव से पहले, LDF कार्यकर्ता बाबू वर्गीस ने सार्वजनिक रूप से कसम खाई थी कि अगर लेफ्ट उस इलाके में सत्ता बरकरार रखने में नाकाम रहा तो वह अपनी मूंछें मुंडवा लेंगे। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस (UDF) ने जिले की अधिकांश सीटों पर जीत हासिल कर LDF के दशकों पुराने प्रभुत्व को तोड़ दिया। जैसे ही काउंटिंग के रुझानों से पूरे जिले और उनकी अपनी नगर पालिका में UDF की जीत का संकेत मिला, बाबू वर्गीस अपने वादे पर कायम रहे। वह तुरंत एक लोकल सैलून में गए और उन्होंने अपनी मूंछें मुंडवा लीं। इस पल को ज़ोरदार तालियों और सीटियों के बीच कैमरे में कैद किया गया।
LDF party worker Babu Varghese, who had vowed to shave his moustache if the LDF failed to win the Pathanamthitta Municipality, has now gone through with it after the party’s defeat. #Pathanamthitta #LDF #KeralaLocalBodyElection2025 #KeralaLocalBodyElection pic.twitter.com/gxQ9dKFQSt — Harish M (@chnmharish) December 13, 2025
गिनती के नतीजों ने LDF को न सिर्फ पथानामथिट्टा नगर पालिका में, बल्कि पूरे जिले में बड़ा झटका दिया। कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF ने पथानामथिट्टा जिले की चार में से तीन नगर पालिकाओं में जीत हासिल की, जिनमें पथानामथिट्टा, तिरुवल्ला और पंडालम शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि पथानामथिट्टा और तिरुवल्ला पहले लेफ्ट के पास थीं, और Left सिर्फ़ अडूर को ही बचा पाया। UDF ने 16 सदस्यों वाली जिला पंचायत में भी ज़बरदस्त वापसी की, जहां उसने 12 सीटों पर जीत हासिल की। लेफ्ट के पास पहले 12 सीटें थीं, जो अब सिर्फ चार सीटों पर सिमट गई है। UDF ने जिले की 34 ग्राम पंचायतों और सात ब्लॉक पंचायतों पर भी कब्जा कर लिया, जिससे लेफट के लंबे समय से चले आ रहे दबदबे की परंपरा टूट गई।
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ये स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे पूरे राज्य में UDF की मजबूत वापसी को दर्शाते हैं। UDF ने 86 नगर पालिकाओं में से 54, 941 ग्राम पंचायतों में से 504, और 152 ब्लॉक पंचायतों में से 79 पर जीत हासिल की है। राज्य में ऐतिहासिक रूप से स्थानीय निकाय चुनावों और उसके बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के नतीजों के बीच एक मजबूत संबंध रहा है। इसलिए, इस फैसले को पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली LDF सरकार से कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF गठबंधन की ओर जनता की भावना में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा सकता है।






