कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
नई दिल्ली: देश आज यानी 25 जून को आपातकाल की 50वीं बरसी मना रहा है। भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर अतीत में इंदिरा गांधी के इस तानाशाहीपूर्ण फैसले के लिए कांग्रेस को निशाना बना रही है। एनडीए के अन्य दल भी कांग्रेस पर हमलावर हैं। लेकिन लालू प्रसाद यादव, जिनका उदय आपातकाल के खिलाफ खड़े हुए आंदोलन से हुआ उन्होंने और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने इस पर चुप्पी साध ली।
ठीक ऐसा ही हाल-ओ-हवाल उत्तर प्रदेश की सियासत में दूसरे नंबर की और देश की सियासत में तीसरे दर्जे की पार्टी बन चुकी समाजवादी पार्टी का भी रहा। जबकि सपा संस्थापक और दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव भी आपातकाल के खिलाफ शुरू हुए जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से उभरकर सामने आए थे।
आपातकाल की 50वीं बरसी पर न तो लालू प्रसाद यादव ने एक शब्द बोला और न ही उनकी पार्टी के किसी अन्य नेता ने इसे लेकर इंदिरा गांधी की आलोचना की। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी इंदिरा गांधी द्वारा देश पर थोपी गई इमरजेंसी के विरुद्ध एक भी लफ्ज नहीं कहा, बल्कि उन्होंने तो देश की वर्तमान स्थिति को ‘अघोषित आपातकाल’ करार दे दिया।
“एक होती है घोषित और एक होती है अघोषित, अगर हम इमरजेंसी को याद कर रहे हैं तो इस समय जो इमरजेंसी चल रही है उसको भी ध्यान में रखना चाहिए।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, फर्रुखाबाद pic.twitter.com/J8BSnV9G2H
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 25, 2025
दोनों ही पार्टियों के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी आपातकाल से संबंधित एक भी पोस्ट नहीं की गई। इसके साथ ही इन पार्टियों के नेताओं ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर 1975 की ‘इमरजेंसी’ या इंदिरा गांधी के विरुद्ध कुछ भी नहीं लिखा है। जबकि इन दोनों की पार्टियों के संस्थापकों ने आपातकाल के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले जय प्रकाश नारायण की उंगली पकड़कर सियासी पगडंडी पर चलना सीखा था।
समाजवादी पार्टी और आरजेडी की इस चुप्पी को लेकर बीजेपी प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि इन सभी दलों का मकसद सिर्फ और सिर्फ सत्ता हासिल करना है। इसके लिए इन्हें भी लोकतंत्र का गला घोंटना पड़े तो घोंट देंगे। उन्होंने कहा कि ये सभी कुर्सी हासिल करने के लिए एक साथ हैं।
भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी (सोर्स- सोशल मीडिया)
सुरेश जोशी ने इस दौरान कांग्रेस को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का भी लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। कांग्रेस और उसके नेताओं का राजतंत्र पर भरोसा है। एक परिवार के शासन पर भरोसा है। उनके साथियों का भी यही हाल है। सत्ता की लोलुपता और मजबूरी के अलावा कांग्रेस के ‘कांड’ पर मौन रहने को कोई और कारण नहीं है।
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आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक का हिस्सा है। जबकि बिहार में कांग्रेस लालू यादव की पार्टी आरजेडी के अगुवाई वाले महागठबंधन की घटक है। सत्ता में वापसी के लिए मिलकर रहना और चुनाव लड़ना मजबूरी है।