कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया
Kolkata Law College Police Files Chargesheet: कोलकाता लॉ कॉलेज में हुए दिल दहला देने वाले सामूहिक बलात्कार मामले में पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। घटना के लगभग दो महीने बाद, कोलकाता पुलिस ने शनिवार को मुख्य आरोपी समेत चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में सबसे बड़ा सबूत डीएनए रिपोर्ट बनी है, जिससे मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा की अपराध में सीधी संलिप्तता की पुष्टि हुई है। इस चार्जशीट के बाद अब सबकी नजरें अदालत की कार्यवाही पर टिक गई हैं, जहां पीड़िता को इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
पीड़िता, जो कि एक लॉ की छात्रा है, उसने अपनी शिकायत में बताया था कि यह भयावह क्रूरता उसके साथ 25 जून की शाम को कॉलेज परिसर के अंदर ही हुई थी। पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा (31), उसके दो सहयोगी प्रमित मुखोपाध्याय (20) और जैब अहमद (19), जो कि लॉ के छात्र हैं, और एक सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी (51) के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है। इन सभी पर सामूहिक बलात्कार, बंधक बनाने और जान से मारने की धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस ने अदालत में 658 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट पेश की है, जिसमें 80 लोगों की गवाही को शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस चार्जशीट का सबसे अहम हिस्सा फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा का डीएनए पीड़िता के शरीर से लिए गए नमूनों से मेल खा गया है। यह सबूत इस केस में एक निर्णायक भूमिका निभाएगा और मिश्रा को अपराध से सीधे तौर पर जोड़ता है। पुलिस ने चार्जशीट के साथ एक पेन ड्राइव और कई अन्य दस्तावेज भी अदालत को सौंपे हैं।
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चारों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत कई गंभीर आरोप तय किए गए हैं। मुख्य आरोपी मिश्रा पर सामूहिक बलात्कार (BNS 70(1)) का आरोप है, जिसमें न्यूनतम 20 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, उस पर गलत तरीके से बंधक बनाने, ताक-झांक करने (महिला की सहमति के बिना निजी तस्वीरें लेना), जान से मारने की धमकी देने और सबूत मिटाने जैसे कई अन्य संगीन आरोप भी लगाए गए हैं। सरकारी वकील सौरिन घोषाल ने कहा कि पीड़िता के बयान की पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और उन्हें विश्वास है कि आरोपियों को सजा जरूर मिलेगी।