केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अखिल भारतीय सभापति सम्मेलन में
Amit Shah All India Chairmen’s Conference Speech: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अखिल भारतीय सभापति सम्मेलन में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाएं बहस व चर्चा के लिए होती हैं, लेकिन संकीर्ण राजनीतिक फायदे के लिए सदन को बाधित करना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। शाह ने चेतावनी दी कि जब भी सदन की गरिमा से समझौता हुआ है, इसके गंभीर परिणाम देश को भुगतने पड़े हैं। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती पर जोर दिया और निष्पक्ष मंच की आवश्यकता बताई।
अमित शाह ने मानसून सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष के विरोध के चलते संसद में सीमित बहस हुई, जिससे राष्ट्र निर्माण में सदन का योगदान प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहस जरूरी है, लेकिन जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम है। गृह मंत्री ने महाभारत के दौरान की हस्तिनापुर की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि हस्तिनापुर की सभा ने जब अपनी गरिमा खो दी जब एक स्त्री के सम्मान में सभा खड़ी नहीं हुई तब महाभारत हुआ था। जब भी सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है, तो फिर ये देखना पड़ा था। उन्होंने सभी दलों से नियमों का पालन करने की अपील की।
शाह ने कहा कि विपक्ष को संयम बरतना चाहिए और बहस को सार्थक बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, न कि राजनीतिक लाभ के लिए सदन को रुकवाया जाए। गृह मंत्री ने जोर दिया कि अध्यक्ष पद की गरिमा बढ़ाने के लिए सभी को प्रयास करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों और जनता को इस प्रवृत्ति पर विचार करना होगा।
यह भी पढ़ें: ‘जिंदा लोगों को मारने का काम’, अररिया में SIR पर फिर गरजे राहुल; कहा- गरीब इनके लिए दुश्मन
अमित शाह ने भारत की लोकतांत्रिक परंपरा की सराहना करते हुए कहा कि सत्ता परिवर्तन बिना खून-खराबे के होता है, जबकि कई देशों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 100 साल पहले विट्ठलभाई पटेल लोकसभा के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने थे। शाह ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने कठिन समय में लोकतंत्र को स्थापित और मजबूत करने का बड़ा काम किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा सभी की जिम्मेदारी है। सदन की गरिमा को लकेर शाह ने सम्मेलन में विठ्ठल भाई का जिक्र करते हुऐ तमाम जिम्मेदारियों को सामने रखा।