किसान नेता डल्लेवाल
चंडीगढ़: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आज यानी मंगलवार को खनौरी सीमा पर आमरण अनशन शुरू करने वाले थे। बीते सोमवार को डल्लेवाल ने कहा था कि वह किसानों की मांगें मनवाने के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि, खनौरी बॉर्डर पर आज से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जहां भूख हड़ताल पर बैठने वाले थे।इससे पहले ही देर रात तीन बजे पुलिस खनौरी बॉर्डर पर पहुंची और किसानों के टेंटों के कुंडे लगा दिए। वहीं इसके बाद डल्लेवाल के टेंट की खिड़की तोड़कर जबरदस्ती उठाकर किसी अज्ञात जगह ले गए। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने यह जानकारी दी है।
जानकारी दें कि, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पहले ही आमरण अनशन शुरू करके फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में अपने आंदोलन को तेज करने की घोषणा की थी। डल्लेवाल ने कहा कि वह अपनी अंतिम सांस तक यह लड़ाई जारी रखेंगे।
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बीते शुक्रवार को किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि किसान बाद में शंभू सीमा से राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च भी निकालेंगे। पंढेर ने कहा था कि, “डल्लेवाल अपनी मांगों को लेकर 26 नवंबर को खनौरी सीमा पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। दस दिन बाद छह दिसंबर को बिना किसी वाहन के दिल्ली की ओर कूच करेंगे।”
उन्होंने कहा था कि, ‘‘छब्बीस नवंबर के बाद हम पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों को काले झंडे दिखाएंगे और गांवों में प्रवेश करने वालों से पूछेंगे कि किसानों और मजदूरों के मुद्दों को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है।”
दिल्ली के गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की बैठक में ये घोषणाएं की गईं थीं । मोर्चा ने कहा था कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों के किसान एवं मजदूर 26 नवंबर को किसान नेता डल्लेवाल की भूख हड़ताल के समर्थन में खनौरी सीमा पर एकत्र होंगे। इसके अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों सहित विभिन्न राज्यों के जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया जाएगा।
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प्रदर्शनकारी किसान बीते 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, जब एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के नेतृत्व में उनके ‘दिल्ली चलो’ मार्च को सुरक्षा बलों ने रोक दिया था। यहां मीडिया को संबोधित करते हुए केएमएम के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि लंबे इंतजार के बाद उन्होंने दिल्ली की ओर जाने का फैसला किया है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के तेजवीर सिंह ने कहा कि वे 280 दिन से दोनों सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं और केंद्र ने 18 फरवरी से उनके साथ कोई बातचीत नहीं की। ऐसें में किसानों ने घोषणा की थी कि वे अपना आंदोलन तेज करते हुए 26 नवंबर से आमरण अनशन शुरू करेंगे। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अनशन करेंगे।
जानकारी दें कि, किसान संगठन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषि ऋण माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न करने, पुलिस मामले वापस लेने, 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए “न्याय”, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)