जेपी नड्डा (फोटो- सोशल मीडिया)
नवभारतः भाजपा का वह नेता जिसे पार्टी की सफलताओं का श्रेय कभी हक के हिसाब से नहीं मिला, लेकिन असफलताओं का पूरा श्रेय मीडिया ने दिया। इन्होंने पार्टी की स्टूडेंट विंग से अपने सियासी पारी की शुरुआत की। जब पार्टी के पहले पायदान से खड़े होकर शिखर की ओर देखते थे, तो लक्ष्य असंभव सा लगता था। आज स्थिति बदल चुकी है। वह सख्स अब सियासी सख्सियत बन चुका है। जिन्हें हम जेपी नड्डा यानी जगत प्रकाश नड्डा के नाम से जानते हैं। अब वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, साथ केंद्र सरकार में मंत्री भी। आज ही के दिन उनका जन्म हुआ था।
जेपी नड्डा के राजनीतिक साथियों का कहना है कि वह के मेहनती व्यक्ति हैं। बिना किसी विवादों में आए वह शांति से अपना काम करते हैं। उनके संगठानात्मक कौशल का भाजपा ने खूब उपयोग किया। देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में जेपी नड्डा ने 2017 में अपनी संगठानात्म कुशलता का नमूना पेश किया। जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं में जोश भरा और राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई।
जगत प्रकाश नड्डा के बारे में एक बात मशहूर है कि भाजपा की हार पर मीडिया उन्हें विलेन बना देते ही, लेकिन जीत का श्रेय उन्हें कभी नहीं मिलता है। जब भी किसी राज्य में भाजपा की हार होती है तो मीडिया विपक्षी नेताओं के सामने जेपी नड्डा को खड़ा कर देती है। वहीं जीत का पूरा श्रेय अमित शाह और पीएम मोदी ले जाते हैं। जेपी नड्डा हमेशा ढाल बनकर पीएम मोदी को बचा ले जाते हैं।
नड्डा का बिहार में हुआ था जन्म
हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा का जन्म बिहार के पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ था। पटना में जब वह छात्र राजनीति में सक्रिय थे। इसी दौरान इंदिरा गांधी के खिलाफ चल रहे जेपी आंदोलन में शामिल हुए। ये वही जेपी हैं जिनके शिष्य मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार हैं। उन्ही के साथ जेपी नड्डा भी थे, लेकिन सभी ने समाजवादी विचारधारा के साथ आगे बढ़ना तय किया। वहीं नड्डा ने भाजपा की छात्र विंग ABVP ज्वाइन की। 1984 में हिमाचल प्रदेश में ABVP के संगठन मंत्री बने। 1989 में उन्हें ABVP का राष्ट्रीय सचिव चुना गया।
राजनीतिक करियर
1991 में नड्डा जी को भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1993 में वे पहली बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने और नेता प्रतिपक्ष के रूप में कार्य किया। 1998 में वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बने। 2010 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया। 2012 में वे राज्यसभा के सदस्य बने। 2014 से 2019 तक वे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे। जनवरी 2020 में उन्हें BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
सफलताएं और योगदान
स्वास्थ्य मंत्री के रूप में, नड्डा जी ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। उन्होंने टीबी उन्मूलन, पोलियो मुक्त भारत, और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए कई पहल कीं। BJP अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने पार्टी को मजबूत किया और विभिन्न राज्यों में चुनावी सफलता दिलाई।
चुनौतियां और आलोचनाएं
स्वास्थ्य मंत्री के रूप में, COVID-19 महामारी के दौरान उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी और प्रबंधन के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। BJP अध्यक्ष के रूप में, उन्हें पार्टी के भीतर कुछ असंतोष और विपक्षी दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
जेपी नड्डा का परिवार
जगत प्रकाश नड्डा के पिता, डॉ. नारायण लाल नड्डा, पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं। नड्डा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल, पटना से प्राप्त की और बाद में पटना विश्वविद्यालय से बीए तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा मध्य प्रदेश के नेता जयश्री बैनर्जी की बेटी हैं और उनके दो बेटे हैं। मल्लिका हिमाचल यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर रही हैं और अभी हाल ही में उन्होंने नौकरी छोड़ी है। वे सामाजिक कामों से जुड़ी हैं।