IPS खुदकुशी केस में अब कानूनी जंग, फोटो- सोशल मीडिया
IPS Y. Puran Kumar Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित खुदकुशी का मामला अब कोर्ट की दहलीज तक जा पहुंचा है, जिससे गतिरोध और बढ़ गया है। आठ दिन बाद भी पोस्टमार्टम न होने के कारण, चंडीगढ़ पुलिस ने जिला अदालत में अर्जी लगाई है, जिसमें जांच के लिए आवश्यक पोस्टमार्टम की इजाजत मांगी गई है।
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित खुदकुशी मामले में गतिरोध जारी है, जिसके कारण चंडीगढ़ पुलिस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पुलिस का आरोप है कि पोस्टमार्टम में हो रही देरी की वजह से इस मामले के सबूत कमजोर हो रहे हैं।
चंडीगढ़ पुलिस की अर्जी पर कोर्ट ने दिवंगत अधिकारी पूरन के परिवार को नोटिस जारी किया है। जिला अदालत में दायर अर्जी में पुलिस ने दिवंगत दलित IPS अधिकारी के शव का पोस्टमार्टम कराने की इजाजत मांगी है। कोर्ट इस मामले पर कल (अगले दिन) सुनवाई करेगा। आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को कथित खुदकुशी के आठवें दिन (14 अक्टूबर 2025) भी न तो पोस्टमार्टम हो सका है और न ही उनका अंतिम संस्कार हो सका है। फिलहाल उनका शव चंडीगढ़ के PGIMER के एडवांस ऑटोप्सी सेंटर में रखा गया है।
अदालत पहुंचने से पहले चंडीगढ़ पुलिस ने दिवंगत IPS अफसर की IAS पत्नी अमनीत पी कुमार को एक अनुरोध पत्र भेजा था। पुलिस ने उनसे आग्रह किया था कि वह शीघ्र पीएमई (पोस्टमॉर्टम) के लिए शव की पहचान के वास्ते आगे आएं, क्योंकि यह जांच के लिए आवश्यक है। लेकिन अमनीत कौर ने इस मामले पर चुप्पी साधे रखी। उन्होंने राज्य सरकार पर दबाव बनाया कि जब तक मामले में आरोपी वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो जाती, वह पोस्टमार्टम करने की इजाजत नहीं देंगी।
2001 बैच के 52 वर्षीय आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। कुमार ने कथित तौर पर आठ पन्नों का ‘अंतिम नोट’ लिखा था। इस नोट में उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पूर्व पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया समेत आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर कथित तौर पर उन्हें परेशान करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है।
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पूरन के अंतिम नोट में कुछ अन्य अधिकारियों द्वारा जाति-आधारित भेदभाव समेत कथित उत्पीड़न का भी विवरण है। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ आईजी के नेतृत्व में एक एसआईटी (SIT) का भी गठन किया है।