भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम- S-400 (फोटो-सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्कः ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7-8 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान ने फिर से दुस्साहस किया। भारत द्वारा आतंकियों पर की गई एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान ड्रोन और मिसाइल से हमला किया, लेकिन पाकिस्तान के सभी ड्रोन और मिसाइल बेअसर हो गए। मन में सवाल उठता है कि ये हुआ कैसे? दरअसल भारत के पास रशियन मेड S-400 एयर डिफेंस सिस्टम है। भारत ने S-400 की 5 यूनिट रूस से 2021 में खरीदा था। इसके सभी युनिट को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने दोपहर 2:30 बजे इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि 7 मई की रात पाकिस्तान ने अवंतिपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज में ड्रोन्स और मिसाइलें दागी थीं। भारत को पाकिस्तान से ऐसी हरकतों की आशंका थी, इसलिए S-400 को एक्टिव कर दिया गया था। जैसे पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइल S-400 के राडार में सभी नष्ट कर दिया।
कितना ताकतवर है S-400, क्या रोक पाएगा लड़ाकू विमान ?
S-400 की क्षमता की बात करें तो यह न केवल ड्रोन और मिसाइल हमले को नाकाम कर सकता है, बल्कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों को भी मार गिरा सकता है। यह दुश्मनों का लगभग हर प्रकार का हवाई हमला रोक सकता है। इतना ही नहीं यह एयरक्राफ्ट्स, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, ड्रोन और स्टील्थ एयरक्राफ्ट्स को रोक सकता है। पाकिस्तान के संबंध में बात करें तो उसके दो अहम और आधुनिक फाइटर जेट F-16 और JF-17 हैं, जिन्हें S-400 आसानी से मार गिरा सकता है।
भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत ?
S-400 की सबसे बड़ी खासियत है इसका मोबाइल होना, यानी इसे रोड के जरिए कहीं भी आसानी ले जाया जा सकता है। इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी में एक साथ 160 टारेगेट को हिट कर सकता है। सबसे अहम बात यह कि इसको तैयार होने में सिर्फ 5 मिनट लगते हैं। यदि एक बार कोई टारगेट हिट नहीं हुआ तो स्वत: दूसरी बार अटैक कर देता है। S-400 का 400 इसकी रेंज को बताता है। यानी 400 किलोमीटर के दायरे में यह टारगे पर अटैक कर सकता है।
कैसे काम करता है भारत का सुरक्षा कवच S-400
डिफेंस सिस्टम की हर यूनिट में एक कमांड और कंट्रोल सिस्टम, एक सर्विलांस रडार, एक गाइडेंस रडार और ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर शामिल होता है। इसके अलावा इसमें अलग-अलग रेंज की मिसाइल्स भी शामिल होती हैं, जिसमें सबसे कम दूरी की मिसाइल 40 किलोमीटर है तो वहीं सबसे अधिक दूरी वाली मिसाइल का रेंज 400 किलोमीटर है। सबसे अधिक रेंज वाली मिसाइल 180 किलोमीटर ऊपर टारगेट को हिट कर सकता ही।
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S-400 के काम करने का सिस्टम
डिफेंस सिस्टम में सर्विलांस रडार होता है, जो अपने ऑपरेशनल एरिया के इर्द-गिर्द एक सुरक्षा घेरा बना लेता है। इस घेरे में जैसे ही किसी मिसाइल, ड्रोन या फिर अन्य तरह के वेपन की एंट्री होती है राडार उसे डिटेक्ट कर कमांड को अलर्ट कर देता है। अलर्ट मिलते ही गाइडेंस रडार टार्गेट की पोजिशन पता कर काउंटर अटैक के लिए मिसाइल लांच करता है।