वायु सेना का अभ्यास। इमेज-सोशल मीडिया
India, France and UAE Air Drill: भारत आज फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ अरब सागर के ऊपर बडा वायु युद्ध अभ्यास करेगा। इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र और व्यापक इंडो-पैसिफिक में त्रिपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करना और सैन्य तालमेल बढ़ाना है।
इस वायु युद्ध अभ्यास के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) अपने सुखोई-30MKI और जगुआर लड़ाकू विमानों को तैनात करेगी। इनके साथ ही IL-78 एयर टैंकर और एयरबोर्न अर्ली-वॉर्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान भी शामिल होंगे। सभी विमान गुजरात के जामनगर और नलिया एयरबेस से उड़ान भरेंगे।
फ्रांस और UAE की ओर से अल धफरा एयरबेस से राफेल और मिराज लड़ाकू विमान तथा अन्य सपोर्ट एयरक्राफ्ट भाग लेने वाले हैं। भारत ने 10 और 11 दिसंबर को अभ्यास का आयोजन किया है, जो पाकिस्तान के कराची से 200 नौटिकल मील दूर है। इसके लिए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किया गया है। इससे पहले भी तीनों देशों ने दिसंबर 2024 में डेजर्ट नाइट नामक ऐसा वायु युद्ध अभ्यास किया था।
भारत क्षेत्र के देशों खासकर खाड़ी देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए ऐसे अभ्यास लगातार कर रहा है। इन अभ्यास में फ्रांस, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे साझेदार भी शामिल होते हैं। एक अधिकारी के अनुसार, द्विपक्षीय, त्रिपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास वास्तविक परिस्थितियों में लड़ाकू कौशल, रणनीति और प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
खास बात है कि भारत, फ्रांस और यूएई की नौसेनाओं ने जून 2023 में पहला त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास किया था। उसमें परंपरागत और गैर-परंपरागत खतरों से निपटने की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया था। साल 2022 में विदेश मंत्रियों की ओर से शुरू किए गए त्रिपक्षीय ढांचे के तहत तीनों देश रक्षा, तकनीक, ऊर्जा और पर्यावरण समेत कई क्षेत्रों में एक महत्वाकांक्षी रोडमैप के अनुसार मिलकर काम कर रहे हैं।
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मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की नौसेना, वायु सेना और थल सेना लगातार सैन्य अभ्यास कर रही है। देश की तीनों सेनाएं आपस में सैन्य अभ्यास करने के साथ-साथ दूसरे देशों की सेनाओं के साथ भी अभ्यास की है। हाल में राजस्था में संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया गया। त्रिशुल अभियान के तहत पिछले महीने बड़ी घरेलू ड्रिल, पश्चिमी सीमा पर थल, वायु और समुद्री संचालन का एकीकरण का अभ्यास किया गया।