तीनों सैनाओं ने रविवार शाम 6:30 बजे तीनों सेनाओं ने 1 घंटा 10 मिनट तक प्रेस कॉन्फ्रेंस की (फोटो सो. सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए गये पहलगाम हमले का जवाब ऑपरेशन सिंदूर से दिया। इस कार्रवाई में 100 आतंकियों और 40 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया गया, जबकि भारत के पांच जवान देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। सेना का स्पष्ट संदेश है अगर फिर से कोई हमला हुआ, तो उसका जवाब और भी सख्ती के साथ दिया जाऐगा। बता दें कि सीजफायर की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद सीमा पर फिर से बारूद की गूंज सुनाई दी थी और हालात युद्ध जैसे दुबारा बने थे। हालांकि भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए गए सभी आतंकी हमलों और ड्रोन हमलों का जवाब बेहद रणनीतिक और सटीक अंदाज में दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और मुरीदके से लेकर बहावलपुर तक आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद किया। वहीं पाकिस्तान ने जवाब में ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिशें कीं, लेकिन भारतीय वायु रक्षा तंत्र ने उन्हें विफल कर दिया। लाहौर और गुजरांवाला के रडार सिस्टम पर हमले के जरिए यह दिखाया गया कि भारत की पहुंच दुश्मन के दिल तक भी है। ऑपरेशन के बाद भी ड्रोन हमले जारी रहे, जिनका जवाब पूरी तैयारी से दिया गया।
सीमापार हमले का निर्णायक जवाब बना ऑपरेशन सिंदूर
पुलवामा और पहलगाम जैसे हमलों के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को कार्रवाई शुरू की। इसमें पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया, जहां करीब 100 आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इस ऑपरेशन में कई कुख्यात चेहरे भी मारे गए जो पहले भारत में हुए हमलों में शामिल रहे थे। मुरीदके और बहावलपुर जैसे ठिकानों पर मिसाइल हमलों के जरिए आतंक की कमर तोड़ दी गई। इसके बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया।
ड्रोन से लेकर एयरबेस तक जवाब, भारत ने दिखाई ताकत
भारत की ओर से लाहौर और गुजरांवाला के मिलिट्री रडार सिस्टम पर हमला कर यह स्पष्ट किया गया कि पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली भी हमारी पहुंच से बाहर नहीं है। ड्रोन हमलों की झड़ी के बीच भी भारतीय वायुसेना सतर्क रही और किसी बड़े नुकसान को टाल दिया गया। पाकिस्तान ने श्रीनगर से लेकर गुजरात तक कई ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन हर प्रयास को नाकाम किया गया। इसके बाद भारत ने चकलाला, रहरयार खान और रफीकी जैसे ठिकानों पर हमला कर यह जता दिया कि जवाबी कार्रवाई अब सिर्फ सीमित नहीं रहेगी।