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‘मोदीराज’ में गिरी भारत की साख…लोगों का देश से हो रहा मोहभंग, क्यों हर साल वतन छोड़ रहे लाखों लोग?

Explainer News: भारतीयों का मोह देश से भंग हो रहा है। हर साल 200,000 भारतीय अपनी नागरिकता छोड़ रहे हैं। ये भारत छोड़कर दूसरे देशों में बस रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि यह क्यों हो रहा है?

  • By अभिषेक सिंह
Updated On: Dec 18, 2025 | 04:12 PM

कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)

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Indians giving up citizenship: भारतीयों का मोह देश से भंग हो रहा है। हर साल 200,000 भारतीय अपनी नागरिकता छोड़ रहे हैं। ये भारत छोड़कर दूसरे देशों में बस रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने हाल ही में संसद को भारतीयों द्वारा नागरिकता छोड़ने के बारे में डेटा दिया है। इससे पता चलता है कि COVID-19 महामारी के बाद से अपनी नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

राज्यसभा में विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए डेटा के अनुसार, 2011 और 2024 के बीच 14 सालों में 20.86 लाख से ज़्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है। डेटा से पता चलता है कि 2011 और 2017 के बीच हर साल औसतन 130,000 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी।

2021-2024 के आंकड़े कर देंगे हैरान

इसके बाद 2018 से 2024 तक सात सालों में हर साल औसतन 167,000 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी। हालांकि, COVID-19 के बाद के सालों को देखें तो यह संख्या और बढ़ गई है। 2021 और 2024 के बीच चार सालों में हर साल औसतन 200,000 से ज़्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी।

कोरोना काल में कम लोगों ने छोड़ा देश

मोदी सरकार के 11 सालों में 2014 और 2024 के बीच 17.10 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है। डेटा से पता चलता है कि 2022 में सबसे ज़्यादा 225,000 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी। सबसे कम संख्या 85,256 थी, जो 2020 में COVID-19 महामारी का साल था। उस साल नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में कमी का मुख्य कारण यही था।

यहां देखिए साल-दर-साल के आंकड़े

क्रम संख्या वर्ष संख्या
1 2011 1,22,819
2 2012 1,20,923
3 2013 1,31,405
4 2014 1,29,328
5 2015 1,31,489
6 2016 1,41,603
7 2017 1,33,049
8 2018 1,34,561
9 2019 1,44,017
10 2020 85,256
11 2021 1,63,370
12 2022 2,25,620
13 2023 2,16,219
14 2024 2,06,378

बीते कुछ सालों में लगातार बढ़ी संख्या

पिछले कुछ सालों में अपनी नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ी है। भारतीय अपनी नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं? इस सवाल पर केंद्र सरकार का कहना है कि “नागरिकता छोड़ने के कारण व्यक्तिगत हैं और केवल व्यक्ति को ही पता होते हैं।” यह सच है कि नागरिकता छोड़ने के कारण व्यक्तिगत होते हैं।

आखिर क्यों वतन छोड़ रहे नागरिक?

बहुत से लोग भारतीय नागरिकता छोड़ने के बाद भारत छोड़कर विदेश में बस जाते हैं क्योंकि उन्हें वहां ज़्यादा मौके मिलते हैं। एक महिला जिसने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी। उसने एक समाचार वेबसाइट को बताया, “यहां ज़िंदगी बहुत आसान है। रहने का स्टैंडर्ड बहुत अच्छा है।” “उन्हें भारत की तुलना में बेहतर मौके मिलते हैं। काम का माहौल बहुत अच्छा है। उन्हें उनके काम के हिसाब से पैसे मिलते हैं।”

रवांडा से भी कमजोर इंडियन पासपोर्ट

इसके अलावा कई लोग अपनी नागरिकता इसलिए छोड़ देते हैं क्योंकि भारतीय पासपोर्ट अभी भी कई दूसरे देशों की तुलना में कमज़ोर है। भारतीय पासपोर्ट से कई देशों में जाने के लिए वीज़ा की ज़रूरत होती है। पासपोर्ट इंडेक्स में भी भारतीय पासपोर्ट कमज़ोर हुआ है। इस साल भारतीय पासपोर्ट 199 देशों में से 85वें नंबर पर है। रवांडा, घाना और अज़रबैजान जैसे छोटे देश इस लिस्ट में भारत से ऊपर हैं। अभी, भारतीय पासपोर्ट धारक सिर्फ 57 देशों में बिना वीज़ा के यात्रा कर सकते हैं, जबकि 2024 में वे 62 देशों में यात्रा कर सकते थे।

लोगों के वतन छोड़ने का तीसरा कारण

भारतीयों के अपनी नागरिकता छोड़ने का एक बड़ा कारण दोहरी नागरिकता का प्रावधान न होना है। भारतीय संविधान किसी भी व्यक्ति को एक साथ भारत और किसी दूसरे देश की नागरिकता रखने की इजाज़त नहीं देता है। हालांकि, ज्यादातर बड़े देशों में दोहरी नागरिकता का प्रावधान है। अगर आपके पास भारतीय नागरिकता है, तो आप किसी दूसरे देश की नागरिकता नहीं रख सकते।

यह भी पढ़ें: पहले मोदी ने कहा ‘नाकामी का जीवित स्मारक’, अब BJP बता रही ‘राष्ट्र गौरव’, जानें मनरेगा की पूरी कहानी

अगर किसी भारतीय नागरिक के पास विदेशी नागरिकता है, तो भी उन्हें भारत में काम करने और रहने की इजाज़त है। ऐसे लोगों के लिए ‘ओवरसीज़ सिटिज़न ऑफ इंडिया’ (OCI) कार्ड जारी किया जाता है। OCI कार्ड ज़िंदगी भर के लिए वैलिड होता है। कार्ड धारकों के पास भारतीय नागरिकों जैसे ही अधिकार होते हैं। हालांकि, OCI कार्ड धारकों को चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरी करने, वोट देने और खेती की ज़मीन खरीदने की मनाही है।

सबसे ज्यादा भारतीय किस देश में?

विदेश मंत्रालय के अनुसार, मार्च 2025 तक दुनिया भर के देशों में 35.4 मिलियन से ज़्यादा भारतीय बसे हुए हैं। सबसे ज़्यादा, 5.4 मिलियन, संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं। इसके बाद UAE में 3.568 मिलियन, मलेशिया में 2.914 मिलियन, कनाडा में 2.875 मिलियन और सऊदी अरब में 2.463 मिलियन हैं।

सरकार ने इस बारे में कोई हालिया डेटा नहीं दिया है कि भारतीय अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने के बाद किन देशों की नागरिकता ले रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2022 में सबसे ज़्यादा 225,000 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी। ज़्यादातर भारतीय अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और UK जाने के लिए अपनी नागरिकता छोड़ देते हैं।

कनाडा पहुंचे सबसे ज्यादा इंडियंस

आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में 71,991 भारतीयों ने अमेरिकी नागरिकता हासिल की। ​​2022 में जिन भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी, उनमें से 60,139 ने कनाडाई नागरिकता, 40,377 ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता और 21,457 ने UK की नागरिकता हासिल की। ​​इसके अलावा, भारतीयों ने ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, जर्मनी, इटली, न्यूज़ीलैंड, नीदरलैंड, सिंगापुर और स्वीडन जैसे देशों की नागरिकता भी हासिल की।

पाकिस्तान में जा बसे इतने भारतीय

इतना ही नहीं कुछ भारतीयों ने पाकिस्तानी नागरिकता भी हासिल की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2020 और जून 2023 के बीच 4.5 सालों में 69 भारतीयों ने पाकिस्तानी नागरिकता हासिल की। ​​इसके पीछे पारिवारिक संबंधों को वजह बताया गया है।

India loosing credibility under modi so many indians are leaving country every year

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Published On: Dec 18, 2025 | 04:12 PM

Topics:  

  • Indian Citizens
  • Modi government
  • Narendra Modi
  • NB Explainer

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