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नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जहां 14 अगस्त को Mpox यानी मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। ऐसा बीते दो साल में दूसरी बार था जब इस बीमारी को हेल्थ इमरजेंसी बताया गया। इस वायरस का नया स्ट्रेन (Clad-1) पिछले स्ट्रेन के मुकाबले ज्यादा संक्रामक है और इसकी मृत्यु दर भी ज्यादा हैं।
वहीं मंकीपॉक्स के पब्लिक इमरजेंसी घोषित होने के 15 दिन के अंदर भारत ने इस संक्रमण की जांच के लिए RT-PCR किट डेवलप कर लिया है। वहीं इस किट का नाम IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay है और इसे सीमेंस हेल्थीनीयर्स ने तैयार किया है। वहीं कंपनी की मानें तो इस किट से सिर्फ 40 मिनट में टेस्ट रिजल्ट मिल जाएंगे। इस किट को पुणे के ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने क्लिनिकल मान्यता भी दे दी है। सेंट्रल प्रोटेक्शन ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इस किट को बनाने की मंजूरी दे दी है।
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सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के MD हरिहरन सुब्रमण्यन ने कहा कि सटीक और सही डायग्नॉस्टिक्स की आवश्यकता आज के समय में जितनी महत्वपूर्ण है, उतनी पहले कभी नहीं रही। यह किट मात्र 40 मिनट में रिजल्ट देगी, जो कि 1-2 घंटे में रिजल्ट देने वाले पारंपरिक तरीकों के मुकाबले कहीं तेज है। इस किट की मदद से मंकीपॉक्स का पता लगाने में लगने वाला समय भी कम होगा, जिससे इलाज में भी तेजी आएगी। IMDX मंकीपॉक्स RTPCR किट भारतीय वैधानिक दिशानिर्देशों के तहत बनाई गई है और ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक ही है।
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सीमेंस एक साल में बना सकता है 10 लाख किट
सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने बताया है कि यह RT-PCR किट वडोदरा स्थित कंपनी की मॉलिक्यूलर डायग्नॉस्टिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में बनाई जाएगी। इस यूनिट की एक साल में 10 लाख किट बनाने की क्षमता रखता है। फैक्ट्री इन RT-PCR किट को उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।