नरेंद्र मोदी (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः ईरान और इजरायल की जंग पर भारत ने स्टैंड बदल लिया है। इससे पहले कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनियां गांधी ने ईरान का साथ न देने के लिए भारत सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने ईरान से भारत का कई दशकों पुराना मजबूत संबंध बताया था। वहीं अब ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर भारत ने भी ईरान पर इजरायली और अमेरिकी हमलों पर चिंता व्यक्त की है। ब्रिक्स देशों ने एक सुर में ईरान पर जारी हमलों को इंटरनेशलन कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया है। इस बयान में भारत ने हमले की स्पष्ट शब्दों में निंदा की है।
ब्रिक्स देशों के साथ भारत द्वारा इजरायल और अमेरिकी हमलों की निंदा काफी अहम है। क्योंकि यह निंदा ऐसे समय में की गई है, जब अगले महीने की शुरुआत में ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने वाला है। ऐसा माना जा रहा है इस शिखर सम्मेलन में ईरान और इजरायल-अमेरिका युद्ध चर्चा के केंद्र में रहेंगे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 5-6 जुलाई को रियो-डी जेनेरियो में रहेंगे।
बिना नाम लिए ब्रिक्स देश इजरायल और अमेरिका पर बरसे
इजरायल और अमेरिका की निंदा में खास बात यह कि भारत समेत ब्रिक्स के सदस्य देशों ने ईरान का तो साथ दिया, लेकिन इजरायल और अमेरिका का नाम तक नहीं लिया। इससे पहले भारत ने शंघाई सहयोग संगठन के एक बयान से खुद को अलग कर लिया था, जिसमें इजरायल की निंदा की गई थी।
युद्ध को ब्रिक्स देशों ने बताया इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन
BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं। ब्रिक्स के बयान में कहा गया है, “हम 13 जून को इस्लामी गणराज्य ईरान पर किए गए सैन्य हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। ये इंटरनेशनल कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हैं। इससे मिडिल ईस्ट की सुरक्षा स्थिति में गंभीर वृद्धि हुई है। हम इस बढ़ती हुई तनावपूर्ण स्थिति के खतरनाक परिणामों को लेकर चिंतित हैं और शांति बहाली हेतु संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देने की अपील करते हैं।”
चीन में आज गरजेंगे राजनाथ सिंह, SCO सम्मेलन में पाकिस्तान को दिखाएंगे आईना
ब्रिक्स देशों ने एक सुर में अमेरिका और इजरायल की निंदा की
ब्रिक्स देशों के बयान में अमेरिकी हमलों की कड़ी आलोचना की गई है, जिसमें ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया है। यह हमला अमेरिकी बी-2 बंम्बर से किया गया था, जिसमें ईरान के फोर्दो, नतंन्ज और अस्फहान के परमाणु ठिकानों निशाना बनाया गया है। ब्रिक्स ने कहा कि ऐसे हमले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन हैं। साथ ही कहा गया कि परमाणु स्थलों पर हमले न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ हैं, बल्कि आम नागरिकों और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा हैं।
ईरान ने भारत का जताया आभार
वहीं ब्रिक्स देशों व भारत का इजरयली और अमेरिकी हमलों के खिलाफ समर्थन पाकर ईरान ने भी राहत की सांस ली है। दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने भारत का आभार जताया है। ईरानी दूतावास ने कहा कि हम भारत के उन सभी लोगों, राजनीतिक दलों, सांसदों, सामाजिक संगठनों और धार्मिक नेताओं के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इराने के साथ एक जुटता दिखाई है।