राहुल गांधी व अखिलेश यादव (डिजाइन फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल मची हुई है। सत्ताधारी महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी के साथ-साथ राज्य के बाकी दल भी धड़ा-धड़ कैंडिडेट्स की सूची जारी कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन की तरफ से सपा भी चुनाव में ताल ठोंकना चाहती थी लेकिन एमवीए ने उसकी मांगों को दरकिनार कर दिया। जिसके बाद अखिलेश यादव ने यलगार कर दी है।
रविवार को मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव से जब गठबंधन में शामिल होने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो हमें इग्नोर कर रहे हैं यह उनसे पूछो। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में त्याग का कोई स्थान नहीं है। इसलिए अगर एमवीए हमारी मांग नहीं मानती है तो हम जहां मजबूत हैं वहां प्रत्याशी उतारेंगे।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव की छवि गठबंधन के प्रति उदार मानी जाती रही है। कई मौकों पर उन्होंने इसका उदाहरण भी पेश किया है। महाराष्ट्र में भी अखिलेश यादव ने 12 सीटों की मांग की थी लेकिन बातचीत और नेगोसिएशन के लिए तैयार थे। कहा जा रहा है कि वह पांच से छ: सीटों पर मानने को तैयार थे लेकिन फिर भी बात नहीं बनी।
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बता दें कि जिन पांच सीटों पर सपा ने दावा ठोंक रही थी उनमें से 3 पर महाविकास अघाड़ी ने उम्मीदवार उतार दिए हैं। समाजवादी पार्टी ने भिवंडी पूर्व, मानखुर्द, धुले सिटी, भिवंडी पश्चिम और मालेगांव सेंट्रल सीट मांगी थी। शनिवार को शिवसेना UBT ने धुले सिटी से अनिल कोटे को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने मालेगांव सेंट्रल से एजाज बेग को मैदान में उतारा है। इसके अलावा भिवंडी वेस्ट से दयानंद मोतीराम को प्रत्याशी घोषित किया गया है।
उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हो रहे विधानसभा चुनाव में सपा की तरफ से कांग्रेस को मनमुताबिक सीटें नहीं मिली हैं। रविदास मेहरोत्रा ने कहा भी था कि महाराष्ट्र का व्यवहार उत्तर प्रदेश में भी दिखेगा। माना जा रहा कि यूपी में भी सपा ने कांग्रेस को उसके मनमुताबिक सीटें इसी वजह से नहीं दी है। राजनीतिक हल्कों में यह सवाल गूंज रहे हैं कि क्या इंडिया गठबंधन अंदर से टूट चुका है?
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