किसानों पर बयान देकर बुरी फंसी कंगना रनौत
नई दिल्ली: हमेशा से ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली मंडी से BJP सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानून पर बयान देकर देश का सियासी पारा हाई कर दिया था। हालांकि उन्होंने अपने बयान में ही उम्मीद जताई थी कि इस पर काफी विवाद हो सकता है। वहीं कंगना के इस बयान को निजी बताते हुए BJP ने बयान से पहले ही किनारा कर लिया। आखिरकार विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अब अपना बयान को वापस ले लिया है।
इस बाबत आज कंगना रनौत ने कहा कि- “पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे किसान कानून पर कुछ सवाल पूछे और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को प्रधानमंत्री मोदी से किसान कानून वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे इस बयान से कई लोग निराश और हताश हैं। जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया था, तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया और हम सभी कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें। मुझे भी यह ध्यान रखना होगा कि मैं अब कलाकार नहीं हूं, मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं और मेरी राय मेरी अपनी राय न होकर पार्टी का रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मेरी बातों और मेरी सोच से किसी को निराशा हुई है तो मुझे खेद रहेगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।”
#WATCH | BJP MP Kangana Ranaut says, “In the last few days the media asked me some questions on farmers’ law and I suggested that the farmers should request PM Modi to bring back the farmers’ law. Many people are disappointed and disheartened by my statement. When the farmers’… pic.twitter.com/i3O5n05718
— ANI (@ANI) September 25, 2024
हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहीं BJPसांसद ने लिखा कि, “किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और इन विधेयकों पर पार्टी के रूख को नहीं प्रदर्शित करते हैं।”
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अभिनय से राजनीति में आयीं कंगना ने मंडी में मंगलवार को एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा था कि इन तीन कृषि कानूनों का केवल कुछ राज्यों में विरोध हुआ। उन्होंने कहा था, ‘‘ किसान भारत की प्रगति के शक्तिस्तंभ हैं। केवल चंद राज्यों में ही उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध किया। मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में इन कृषि कानूनों को वापस लाया जाए।”
इतना ही नही उन्होंने कहा था कि देश प्रगति के मार्ग पर है और कृषि कानूनों की बहाली से बेहतर वित्तीय स्थायित्व एवं किसानों का विकास सुनिश्चित होगा एवं अंतत: कृषि क्षेत्र को लाभ होगा। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये बयान इस बात के संकेत हैं कि सत्तारूढ़ दल इन तीन कानूनों को वापस लाने की कोशिश कर रहा है । हरियाणा उसका मुंहतोड़ जवाब देगा।
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देखा जाए तो कंगना रनौत का बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीतिक दल पांच अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। हरियाणा में खासकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का बड़ा प्रदर्शन हुआ था जो इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे थे। किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून – कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम – को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए थे।