आज दौड़ेगी पहली हाइड्रोजन ट्रेन
नई दिल्ली: जहां इक तरफ भारतीय रेलवे ने साल 2030 तक खुद को ‘नेट जीरो कार्बन एमिटर’ बनाने का लक्ष्य रखा है। वहीं इसके लिए रेलवे द्वारा उठाए दए नए कदमों में हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें चलाना भी शामिल है। वहीं देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन आज दिल्ली डिवीजन के 89 किलोमीटर लंबे जींद-सोनीपत रूट पर दौड़ेगी। इस नई तकनीक के साथ ही आज भारत ग्रीन मोबिलिटी को अपनाने वाले जर्मनी, फ्रांस, चीन और यूनाइटेड किंगडम जैसे खास देशों में शामिल हो जाएगा।
जानकारी दें कि, यह खास प्रोजेक्ट के तहत रेलवे हेरिटेज और पहाड़ी रास्तों पर 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाना चाहता है। इस प्रोजेक्ट को ‘हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज’ नाम दिया गया है। हाइड्रोजन ट्रेनें पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं। इनसे प्रदूषण बिलकुल ही नहीं होता है। यह रेलवे के उस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा, जिसके तहत वह 2030 तक खुद को ‘नेट ज़ीरो कार्बन एमिटर’ बनाना चाहता है।
🚨India’s 1st hydrogen train to roll out by March 31 on jind- sonipat route in Haryana.
1-Maximum speed of 110 km/h
2-Capacity of 2,638 passengers
3-Engine Power: 1200HP (highest capacity in the world) pic.twitter.com/zNZL57MCAU— Indian Infra Report (@Indianinfoguide) March 7, 2025
बता दें कि, हाइड्रोजन ट्रेनों में बिजली बचाने वाली HOG तकनीक और LED लाइट्स का इस्तेमाल, कम बिजली खर्च करने वाले उपकरण और पेड़ लगाना शामिल है। वहीं इसके अलावा, रेलवे स्टेशनों और जमीन पर सोलर प्लांट भी लगा रहा है।
जानकारी दें कि, रेलवे ने डीजल से चलने वाली एक DEMU ट्रेन को हाइड्रोजन से चलाने का प्रोजेक्ट भी शुरू किया है। इसके लिए 111।83 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रेन में हाइड्रोजन फ्यूल सेल लगाई जाएगी। वहीं ज़मीनी स्तर पर ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
यह भी बताते चलें कि, भारतीय रेलवे हाइड्रोजन ट्रेन प्रोजेक्ट पर रेलवे काफी पैसे खर्च कर रहा है। इस साल के बजट में 35 हाइड्रोजन ट्रेनों के लिए 2800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। साथ ही, हेरिटेज रूट पर हाइड्रोजन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 600 करोड़ रुपये अलग से आवंटीत किए गए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)