चंडीगढ़ में उत्तरी भारत के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में हरियाणा ने साइबर सुरक्षा नीति की आवश्यकता पर बल (फोटो- सोशल मीडिया)
चंडीगढ़: हरियाणा की बिजली कंपनियों पर पाकिस्तान की ओर से साइबर हमलों के बाद राज्य सरकार ने देशभर में साइबर सुरक्षा को लेकर ठोस नीति बनाने की मांग उठाई है। चंडीगढ़ में आयोजित ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में यह खुलासा हुआ कि मई 2025 में युद्ध के दौरान पाकिस्तानी हैकरों ने हरियाणा की बिजली व्यवस्था को निशाना बनाया। ऐसे में राज्य के ऊर्जा मंत्री ने न केवल पुख्ता साइबर सुरक्षा की वकालत की, बल्कि गांवों में सोलर हाउस स्थापित कर किसानों को दिन में बिजली देने का सुझाव भी दिया, जिससे संकट के समय बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो।
सम्मेलन में हरियाणा ने सोलर पावर और ऊर्जा भंडारण को लेकर कई बड़े प्रस्ताव रखे। राज्य सरकार ने 1809.35 करोड़ रुपये की ब्याज मुक्त ऋण राशि ट्रांसमिशन ढांचे को मजबूत करने के लिए मांगी है। इसके साथ ही 600 एमडब्ल्यूएच की बैटरी स्टोरेज यूनिट और पुराने ट्रांसमिशन लाइनों के आधुनिकीकरण के लिए अतिरिक्त अनुदान की भी मांग रखी गई है। राज्य की मंशा है कि भविष्य में कोई आपदा हो, तब भी बिजली सप्लाई में रुकावट न आए।
साइबर हमलों के बाद सुरक्षा नीति की मांग
हरियाणा ने केंद्र सरकार को बताया कि युद्ध के दौरान उत्तर और दक्षिण हरियाणा की बिजली कंपनियों की वेबसाइटें पाकिस्तानी हैकरों के निशाने पर रहीं। इसके बाद राज्य ने वेब एप्लीकेशन फायरवाल जैसे एडवांस सिस्टम अपनाए हैं और सिक्योरिटी ऑडिट एजेंसियों से वेबसाइटों की जांच भी शुरू की गई है। राज्य की मांग है कि देशभर के लिए एक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति तैयार की जाए, जिसकी निगरानी केंद्र द्वारा और ऑडिट राज्यों द्वारा किया जाए।
सोलर हाउस और ऊर्जा प्रस्तावों पर जोर
राज्य ने किसानों को दिन में बिजली देने के लिए गांवों में सोलर हाउस स्थापित करने का सुझाव दिया है, जिससे वे खेतों में समय पर सिंचाई कर सकें। यह न केवल पारंपरिक बिजली पर निर्भरता घटाएगा, बल्कि सोलर ऊर्जा को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने का मॉडल भी बनेगा। इसके अलावा बिजली पोल और ट्रांसमिशन लाइनों को खेतों व घरों के ऊपर से हटाने के लिए भी नीति बनाने की बात रखी गई है ताकि आपदा के समय लाइनें ठप न हों और बिजली आपूर्ति जारी रहे।