GST काउंसिल की मीटिंग (डिजाइन फोटो-सौ. से नवभारत)
नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर परिषद सोमवार को होने वाली 54वीं बैठक में हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी टैक्स के संबंध में 4 विकल्पों पर निर्णय ले सकती है। इन विकल्पों से सरकारी खजाने पर लगभग 650 करोड़ से 3,500 करोड़ रुपये तक का भार पड़ने की संभावना जतायी जा रही है। विकल्पों में सभी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और पुनर्बीमा के लिए पूर्ण छूट या स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना शामिल है।
इसके अलावा अन्य संभावनाओं में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम और 5 लाख रुपये तक के कवरेज वाले प्रीमियम पर छूट देना या वैकल्पिक रूप से केवल वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम को जीएसटी के दायरे से छूट देना शामिल है। इन 4 प्रस्तावों में से प्रत्येक के अलग-अलग वित्तीय निहितार्थ हैं। जो सरकार पर क्रमश: 3,495 करोड़ रुपये, 1,730 करोड़ रुपये, 2,110 करोड़ रुपये और 645 करोड़ रुपये का भार डालेंगे।
बताया जा रहा है कि एक अन्य प्रस्ताव में जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। इसमें व्यक्तिगत पॉलिसियों और पुनर्बीमाकर्ताओं तक छूट की सिफारिश की। इसका 210 करोड़ रुपये का भार पड़ने का आकलन है। डीएफएस का तर्क है कि स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी कम करने से प्रीमियम कम होगा जिससे अधिक लोगों को बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
इस तरह से देखा जाए तो बीमित व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि से जीएसटी राजस्व में अल्पकालिक नुकसान की भरपाई होगी। साथ ही प्रत्येक नागरिक को न्यूनतम सामाजिक कवरेज प्रदान करने से 2047 के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मांग
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल तय करेगी कि क्या स्वास्थ्य बीमा पर मौजूदा 18% टैक्स कम करना जरूरी है या नहीं। या फिर सीनियर सिटीजन जैसी कुछ श्रेणियों के लिए छूट दी जानी चाहिए। बैठक में जीवन बीमा प्रीमियम पर भी GST में कटौती के मुद्दे पर विचार-विमर्श होगा, जिसकी मांग केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उठायी थी। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए मांग की थी। साथ ही कहा था कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स को हटाया जाना चाहिए।
इसके साथ गी ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में कंडीशन रिपोर्ट पेश की जा सकती है, जिसमें केंद्र और राज्य के टैक्स अधिकारी GST काउंसिल के सामने एक कंडीशन रिपोर्ट पेश करने का अनुमान है। इस रिपोर्ट में 1 अक्टूबर 2023 से पहले और बाद में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र से प्राप्त GST राजस्व का पूरा लेखा जोखा होगा।
आपको याद होगा कि 1 अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28% GST लागू किया गया था। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के लिए 28% GST का भुगतान अनिवार्य किया गया है।