गोवा के टूरिज्म मिनिस्टर रोहन खोंटे (फोटो- सोशल मीडिया)
Goa Tourism Minister Rohan Khaunte Remark on Beef Ban: गोवा को ‘दक्षिण का काशी’ के रूप में एक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की चर्चाओं के बीच, यह सवाल उठने लगा था कि क्या राज्य में खानपान को लेकर कुछ पाबंदियां लग सकती हैं, खासकर बीफ पर। इन सभी चिंताओं और अफवाहों पर अब गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खोंटे ने विराम लगा दिया है। उन्होंने दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया है कि गोवा सरकार का बीफ पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है और राज्य की मेहमाननवाजी में खानपान की आजादी और सांप्रदायिक सद्भाव हमेशा की तरह बने रहेंगे।
यह पूरा मामला तब सामने आया जब समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा मंत्री रोहन खोंटे से यह सवाल पूछा गया कि क्या आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशों के तहत गोवा आने वाले पर्यटकों या यहां के निवासियों के लिए बीफ पर कोई प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके जवाब में खोंटे ने गोवा की अनूठी संस्कृति और आपसी सम्मान पर जोर देते हुए कहा कि यहां सभी समुदाय एक-दूसरे के त्योहारों और खानपान का आनंद लेते हैं। उन्होंने कहा, “हम हर समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हैं।”
मंत्री ने गोवा के सामाजिक ताने-बाने की मिसाल देते हुए कहा, “मेरे भाषण में मैंने कहा था कि हम सांप्रदायिक सद्भाव के साथ रहते हैं। तो चाहे दिवाली हो, चतुर्थी हो, या क्रिसमस, हम एक-दूसरे के घर जाते हैं, और हम एक-दूसरे के व्यंजनों का वैसे ही आनंद लेते हैं जैसे हम लेना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी साफ किया कि इस तरह के विचार कहीं से नहीं आते, जब तक कि मीडिया इसे सामने न लाना चाहे। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि गोवा में किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी।
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पर्यटकों की चिंताओं को सीधे संबोधित करते हुए, मंत्री खोंटे ने आश्वासन दिया कि गोवा आने वाले किसी भी मेहमान पर खानपान से जुड़ी कोई सीमा नहीं थोपी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण प्रतिबंध लगाना नहीं, बल्कि विकल्प देना है। उन्होंने अपने दिल की बात कहते हुए कहा, “गोवा सरकार के एक हिस्से के रूप में, गोवा सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए, गोवा पर्यटन को बढ़ावा देते हुए, मैं कहना चाहता हूं कि गोवा आने वाले पर्यटक के पास चुनने, चखने और खाने के लिए कई विकल्प हैं, क्योंकि किसी भी चीज पर कोई प्रतिबंध नहीं है। आपको जो खाना है, खाओ मजा करो।” उन्होंने अपनी बात को “अतिथि देवो भव” और “सेवा देवो भव” की भारतीय परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि गोवा अपनी विविध संस्कृति और व्यंजनों के साथ हमेशा मेहमानों का स्वागत करता रहेगा।