
नितिन गडकरी (Image- Social Media)
Nitin Gadkari News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि देश में आज भी जो हिंदू-मुस्लिम से जुड़े विवाद नजर आते हैं, उनके पीछे कांग्रेस की सेक्युलरिज्म की सोच और वोट बैंक की राजनीति जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सेक्युलरिज्म की अवधारणा को गलत तरीके से पेश किया।
गडकरी के अनुसार, सेक्युलर का मतलब धर्मनिरपेक्ष नहीं होता। इसका असली अर्थ ‘सर्व धर्म समभाव’ है, यानी सभी धर्मों का समान आदर, सबको न्याय और सभी के साथ बराबरी का व्यवहार। नितिन गडकरी मंगलवार को दिल्ली में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी की पुस्तक ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ के लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन भी उपस्थित थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को दोहराते हुए गडकरी ने कहा कि भारत पहले भी सेक्युलर था, आज भी है और आगे भी रहेगा। यह बीजेपी या आरएसएस की वजह से नहीं, बल्कि भारतीय, हिंदू और सनातन संस्कृति के कारण है, जो पूरे विश्व के कल्याण का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सहनशील, करुणामयी और सबको साथ लेकर चलने वाली रही है, और इतिहास में किसी भी हिंदू शासक द्वारा धार्मिक स्थलों को नष्ट करने का उदाहरण नहीं मिलता।
इसके बाद नितिन गडकरी उदय माहुरकर की किताब ‘माय आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट: रिडिफाइनिंग अनएलॉयड नेशनलिज्म’ के लोकार्पण समारोह में भी शामिल हुए। वहां उन्होंने कहा कि ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना केवल नारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसके लिए देश के इतिहास को ईमानदारी से समझना, सिस्टम की खामियों को पहचानना और भविष्य की क्षमताओं का निर्माण करना जरूरी है।
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गडकरी ने यह भी कहा कि आधुनिकीकरण अंधी नकल पर आधारित नहीं होना चाहिए, बल्कि सभ्यतागत आत्मविश्वास से प्रेरित होना चाहिए। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल वीजी खंडारे भी मौजूद थे।






