ईवीएम को लेकर फिर शुरू हुआ हंगामा (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के बाद जब भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए ‘अबकी बार 400 पार’ का नारा देने के बावजूद 293 सीटों पर सिमट गया तो विपक्षी खेमें में खुशी की लहर दिखी। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को भी 234 सीटें हासिल हुईं। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े सियासी सूबे में भी विपक्ष ने कमाल का प्रदर्शन किया। यही वजह है कि चुनाव नतीजों के समय इस बार ईवीएम पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगे। लेकिन अब ऐसा क्या हो गया कि ईवीएम एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ चुकी है।
लोकसभा चुनाव नतीजे आए हुए 12 दिन हो चुके हैं। केन्द्र में एनडीए की सरकार बन चुकी है। शपथ ग्रहण हो चुका है। मंत्रियों में विभागों का बंटवारा होने के बाद कामकाज भी शुरू हो चुका है। लेकिन इस बीच ईवीएम का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर आ चुका है। जिसकी शुरुआत महाराष्ट्र से हुई और चर्चा अमेरिका सहित पूरी दुनिया में।
उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट से सांसद चुने गए शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता रवीन्द्र वायकर के रिश्तेदार पर आरोप लगा कि उन्होंने 4 जून को मतगणना केन्द्र के अंदर फोन का इस्तेमाल किया। इसके लिए वनराई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ। जांच आगे बढ़ी तो खुलासा हुआ कि रवीन्द्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर ईवीएम मशीन से जुड़े फोने का इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक इस फोन का इस्तेमाल मशीन को अनलॉक करने वाली ओटीपी जनरेट करने के लिए किया गया था। वनराई पुलिस ने मंगेश पंडिलकर के साथ चुनाव आयोग के मतगणना कर्मी दिनेश गुरव को CTPC 41ए के तहत नोटिस भेजा है। गौरतलब है कि उत्तर पश्चिम मुंबई में रवीन्द्र वायकर ने महज़ 48 वोटों से जीत दर्ज की थी।
यह ख़बर और एलन मस्क का पोस्ट सामने आने बाद हंगामा शुरू हो गया। राहुल गांधी ने इसी ख़बर की अखबार कटिंग मस्क की पोस्ट पर कोट करते हुए लिखा कि “भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स” की तरह हैं। किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं। जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी हो जाती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है।”
EVMs in India are a “black box,” and nobody is allowed to scrutinize them.
Serious concerns are being raised about transparency in our electoral process.
Democracy ends up becoming a sham and prone to fraud when institutions lack accountability. https://t.co/nysn5S8DCF pic.twitter.com/7sdTWJXOAb
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 16, 2024
स्पेश एक्स और टेस्ला के सीईओ व दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने भी शनिवार की शाम ईवीएम को लेकर एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने रॉबर्ट एफ कैनेडी की पोस्ट पर कोट करते हुए लिखा कि “हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ख़त्म कर देना चाहिए। इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है।” मस्क की इस पोस्ट पर बीजेपी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने काउंटर करते हुए उन्हें चैलेंज किया।
This is a huge sweeping generalization statement that implies no one can build secure digital hardware. Wrong. @elonmusk ‘s view may apply to US n other places – where they use regular compute platforms to build Internet connected Voting machines.
But Indian EVMs are custom… https://t.co/GiaCqU1n7O
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@RajeevRC_X) June 16, 2024
राजीव चन्द्रशेखर ने मस्क को पोस्ट को कोट करते हुए कहा कि भारत की ईवीएम कस्टम डिजाइन्ड है। इंटरनेट, वाई-फाई, ब्लूटूथ से कनेक्टेड नहीं है। इसमें फैक्ट्री प्रोग्राम्ड कंट्रोलर्स हैं जिन्हें री-प्रोग्राम नहीं किया जा सकता। अगर आप एक ट्यूटोरियल चलाते हैं तो मुझे खुशी होगी।
चंद्रशेखर के इस पोस्ट पर एलन मस्क ने रिप्लाई करते हुए लिखा कि “Anything can be hacked” जिस पर चंद्रशेखर ने भी रिप्लाई करते हुए लिखा कि तकनीकी तौर पर आप सही हैं कुछ भी हैक किया जा सकता है। लेकिन ईवीएम पेपर वोटिंग के तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय है। हम असहमत होने पर सहमत हो सकते हैं।”
इन कारणों के चलते एक बार फिर से ईवीएम चर्चा में है। विपक्ष ने मौका पाते ही फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में सवाल तो यह भी बनता है कि चुनाव नतीजों के ठीक बाद हर बार की तरह इस बार क्यों सवाल नहीं उठाए गए। उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट पर क्या नतीजों के प्रभावित किया गया है? एलन मस्क ने Puerto Rico के संबंध में पोस्ट की थी लेकिन मुद्दा भारत में क्यों बन गया। ये वो सवाल हैं जिनके जवाब हमें शायद भविष्य में हासिल होंगे।