
चुनाव आयोग ने SIR के बाद जारी की इन राज्यों की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)
Election Commission SIR Draft Voter List: चुनाव आयोग ने हाल ही में वोटर लिस्ट को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है जिसने सबको चौंका दिया है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गोवा जैसे राज्यों में लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब हो गए हैं। आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिविजन यानी एसआईआर की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है। इसमें सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा पश्चिम बंगाल का है, जहां 58 लाख से ज्यादा वोटर्स के नाम हटा दिए गए हैं। आखिर इतने बड़े पैमाने पर नाम क्यों कटे और क्या अब ये लोग वोट नहीं डाल पाएंगे, यह सवाल सबके मन में है।
आयोग के मुताबिक राजस्थान में कुल 5.46 करोड़ मतदाताओं में से करीब 41.85 लाख लोगों के फॉर्म जमा नहीं हो सके। इसके पीछे मुख्य वजह इन मतदाताओं का या तो निधन हो जाना है या फिर इनका स्थायी रूप से कहीं और शिफ्ट हो जाना है। पश्चिम बंगाल में यह अभियान 4 नवंबर से 11 दिसंबर तक चला था। इसके बाद राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या 7 करोड़ 66 लाख से घटकर सीधे 7 करोड़ 08 लाख पर आ गई है। यानी लाखों की तादाद में फर्जी या अनुपस्थित वोटर्स को सिस्टम से बाहर कर दिया गया है।
पश्चिम बंगाल के विशेष पर्यवेक्षक सुब्रत गुप्ता ने साफ किया है कि लोगों को पैनिक करने की जरूरत नहीं है। जिन 30 लाख लोगों का डेटा 2002 की सूची से मैच नहीं हुआ, उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। वहां वे दस्तावेज दिखाकर अपना नाम वापस जुड़वा सकते हैं। गोवा में भी 1 लाख से ज्यादा नाम कटे हैं, लेकिन वहां भी योग्य वोटर्स 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक फिर से आवेदन कर सकते हैं। लक्षद्वीप में भी इसी तारीख तक मौका दिया गया है, जहां 1429 नाम लिस्ट से बाहर हुए हैं।
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राजस्थान के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां 8.75 लाख मतदाता मृत पाए गए और 29.6 लाख शिफ्ट या अनुपस्थित मिले। सबसे ज्यादा असर जयपुर जिले में देखने को मिला है। हालांकि, करीब 11 लाख मतदाता ऐसे भी हैं जिन्हें अपने कागज जमा करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। गोवा में कुल 11 लाख 85 हजार वोटर्स में से केवल 10 लाख 84 हजार लोगों ने ही फॉर्म भरा। साफ है कि चुनाव आयोग अब वोटर लिस्ट को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के मूड में है ताकि भविष्य में कोई गड़बड़ी न हो सके।






