झारखंड के रांची में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फोटो- सोशल मीडिया)
रांची: झारखंड के रांची में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए बड़ा एलान किया। शाह ने कहा कि बिहार, झारखंड और ओडिशा काफी हद तक नक्सल मुक्त हो चुके हैं, और 31 मार्च 2026 तक पूरे देश को इस खतरे से मुक्त कर दिया जाएगा। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेनाओं की वीरता की सराहना करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया गया।
बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और पश्चिम बंगाल की वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी शामिल रहीं। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “टीम भारत” की अवधारणा को साकार करने के लिए क्षेत्रीय परिषदें अब चर्चा मंच नहीं, बल्कि एक क्रियाशील सहयोग का इंजन बन चुकी हैं। परिषद की 2014 के बाद से बैठकों में तेजी आई है, और 83% मुद्दों का समाधान हो चुका है।
मोदी सरकार में क्षेत्रीय परिषदें अब Forum of Discussion की जगह Engine of Cooperation बन गई हैं। आज राँची (झारखंड) में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में वर्षों पुराने अहम मुद्दों का समाधान हुआ।
बैठक में बिहार विभाजन के समय से लंबित अनेक मुद्दों, 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद की… pic.twitter.com/H9xniXmD4c
— Amit Shah (@AmitShah) July 10, 2025
नक्सलवाद के खिलाफ साझा रणनीति, 2026 लक्ष्य तय
अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ सभी राज्यों की साझा रणनीति और सुरक्षा बलों की बहादुरी से अब निर्णायक सफलता मिल रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं ने जिस सटीकता और वीरता का प्रदर्शन किया, उसने पूरी दुनिया में देश की ताकत का परिचय दिया है। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद ने सर्वसम्मति से सेनाओं के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।
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विकास और सहकारिता पर भी विशेष जोर
बैठक में लंबित जल परियोजनाओं जैसे मसंजौर बांध, तैयबपुर बराज और इंद्रपुरी जलाशय पर भी चर्चा हुई। साथ ही, बिहार-झारखंड के विभाजन के बाद की संपत्ति और देनदारियों के मुद्दों पर समाधान की दिशा में पहल की गई। महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट्स, गांव-गांव में बैंकिंग की सुविधा, और पोषण, शिक्षा, सहकारिता जैसे क्षेत्रीय विकास विषयों पर भी एक सार्थक चर्चा हुई। भारत के पूर्वी राज्यों के लिए रांची में हुई यह बैठक ऐतिहासिक बताई गई। नक्सलवाद से मुक्ति के रोडमैप के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास, सहकारिता और सुरक्षा मुद्दों पर भी ठोस कदम उठाने के तमाम संकल्प चर्चा में आए।