भुवनेश्वर में आज से डीजीपी सम्मेलन की शुरुआत
नई दिल्ली: पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) का वार्षिक अखिल भारतीय सम्मेलन आज शुक्रवार को भुवनेश्वर में शुरू होगा। इस सम्मेलन में आंतरिक सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर और खालिस्तान समर्थक तत्वों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल समेत अन्य लोग शामिल होंगे। बता दें कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में साइबर अपराध, एआई उपकरणों से उत्पन्न चुनौतियों तथा ड्रोन से पैदा होने वाले खतरों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने बताया कि डीजीपी और आईजीपी रैंक के लगभग 250 अधिकारी सम्मेलन में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेंगे, जबकि 200 से अधिक अन्य अधिकारी डिजिटल तरीके से हिस्सा लेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि नामित अधिकारियों द्वारा आतंकवाद निरोध, ऑनलाइन धोखाधड़ी, मादक पदार्थों की तस्करी, जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद, खालिस्तानी समर्थक समूहों और वामपंथ चरमपंथ (एलडब्ल्यूई) की गतिविधियां जैसे विशिष्ट विषयों पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इन सभी उभरती अंदरूनी चुनौतियों का मुकाबला कैस किया जाए- इसपर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
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वहीं, गृहमंत्री सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे जबकि प्रधानंमत्री बाकी दो दिन वहीं रहेंगे एवं रविवार को समापन भाषण देंगे। यह सम्मेलन उन ठोस उपलब्धियों की पहचान करने तथा उनकी प्रगति की निगरानी करने का अवसर भी प्रदान करता है, जिसे हर वर्ष प्रधानमंत्री के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाता है। अधिकारी ने बताया कि यह सम्मेलन चिन्हित विषयों पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुलिस और खुफिया अधिकारियों द्वारा विस्तार की जा रही चर्चा की परिणति है। सम्मेलन में हर विषय पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सर्वोत्तम प्रथा को प्रस्तुत करेंगे ताकि राज्य एक-दूसरे से सीख सकें।
प्रधानमंत्री 2014 से ही डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं। इस वर्ष के सम्मेलन में नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने पर विभिन्न विषयों खुली चर्चा की भी योजना बनाई गई है। इससे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले प्रमुख ‘पुलिसिंग’ और आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर प्रधानमंत्री के साथ अपने विचार एवं सिफारिशें साझा करने का अवसर मिलेगा। वर्ष 2013 तक यह वार्षिक सम्मेलन नयी दिल्ली में आयोजित किया जाता था। उसके अगले साल जब, मोदी सरकार के सत्ता में आयी, तब गृह मंत्रालय (एमएचए) और खुफिया ब्यूरो (आईबी) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।