
IndiGoविमान (फाइल फोटो)
IndiGo News: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने और देरी के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कड़ा रुख अपना लिया है। नागर विमानन मंत्रालय (MoCA) के अंतर्गत आने वाले DGCA ने इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर आपात बैठक बुलाई है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब देशभर के हवाई अड्डों पर उड़ान रद्द होने से अफरा-तफरी जैसा माहौल है।
इसी दौरान पायलट एसोसिएशन ALPA इंडिया ने भी DGCA से आग्रह किया है कि स्लॉट आवंटन और उड़ान शेड्यूल को मंजूरी देते समय एयरलाइन के पास उपलब्ध पायलटों की संख्या और उनकी पर्याप्तता पर भी गंभीरता से विचार किया जाए, खासकर हाल ही में लागू किए गए फैटीग रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम (FRMS) को ध्यान में रखते हुए।
बुधवार को इंडिगो की 100 से अधिक उड़ानें रद्द हो गईं, जबकि कई सेवाएं घंटों की देरी से संचालित हुईं। खबरों के अनुसार, बेंगलुरु एयरपोर्ट से 42, दिल्ली से 38, मुंबई से 33 और हैदराबाद से 19 उड़ानें रद्द की गईं। एयरलाइन प्रतिदिन लगभग 2,300 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन करती है।
FDTL के पहले चरण के 1 जुलाई 2025 को लागू होने और दूसरे चरण के 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होने के बाद इंडिगो ने पायलटों की छुट्टियां घटाईं और बाद में छुट्टियां खरीदने का प्रयास किया, लेकिन अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। FIP का कहना है कि इससे पायलटों और कर्मचारियों का मनोबल और गिर गया, जबकि इसी दौरान कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को बड़े वेतन-वृद्धि पैकेज मिले।
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FIP के अनुसार, सर्दियों के कोहरे वाले मौसम में जब घना कोहरा रहता है, तब फ्लाइट्स देर से उड़ान भरती और लैंड करती हैं। ऐसे समय में एयरलाइंस को सामान्य से अधिक पायलट रखने पड़ते हैं। इसके बावजूद इंडिगो ने अपने विंटर शेड्यूल में विस्तार किया, लेकिन न तो नए पायलट भर्ती किए और न ही ट्रेनिंग दी। FIP को आशंका है कि इंडिगो जानबूझकर इतनी बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल और लेट करवा रहा है ताकि सरकार और DGCA पर दबाव बनाया जा सके कि नए FDTL नियम बहुत कड़े हैं, जबकि असली समस्या कंपनी प्रबंधन की है।






