लोकसभा में सपा सांसद रमाशंकर राजभर, फोटो: सोशल मीडिया
Operation Sindoor: लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चली बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद रमाशंकर राजभर ने केंद्र सरकार की रणनीति और प्रतिक्रिया पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश के नागरिक गुस्से में थे और सरकार से कड़ा जवाब चाहते थे।
सलेमपुर से सांसद राजभर ने कहा कि जिस ऑपरेशन को तीन दिनों में शुरू हो जाना चाहिए था, उसे 17 दिन बाद अंजाम दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ऑपरेशन में मारे गए 100 आतंकवादियों में वही लोग शामिल थे जिन्होंने बैसरन घाटी में हमला किया, तो फिर उनकी पहचान क्या है? उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि पहलगाम हमले के दोषी कहां हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई का सटीक विवरण क्या है?
रमाशंकर राजभर ने कहा, “देश को ऑपरेशन सिंदूर नहीं, बल्कि ऑपरेशन तंदूर चाहिए था।” उनका मतलब था कि आतंकवादियों को जड़ से खत्म करने के लिए तुरंत और निर्णायक कार्रवाई की जानी चाहिए थी। राजभर ने आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की बहादुरी की तारीफ की। इसके साथ ही सुरक्षा खुफिया तंत्र पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादी खुलेआम घाटी में गतिविधियां चला पा रहे हैं, तो फिर हमारी सुरक्षा एजेंसियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने हमले के तीन महीने बाद खुद माना कि सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी।
बहस के दौरान राजभर ने धार्मिक एकता की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आतंकवादी देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते थे, लेकिन हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर उनकी साजिशों को विफल कर दिया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर जो एकजुटता दिखाई, वह भारत की असली ताकत है।
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राजभर ने डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत-पाक युद्धविराम उनकी पहल पर हुआ था। इस पर उन्होंने पूछा कि क्या वाकई भारत ने ट्रंप के कहने पर कोई सैन्य निर्णय लिया था? यदि नहीं तो सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि ट्रंप इस तरह के दावे क्यों कर रहे हैं।