सरकार की विदेश नीति से कांग्रेस खफा (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद मीडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। इसी बीच कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर मामले में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देने पर आलोचना की है। कांग्रेस ने सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए और अधिक नैतिक साहस दिखाने की अपील की है।
मुख्य विपक्षी दल के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अब सरकार को पहले की तुलना में अधिक नैतिक साहस का परिचय देना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि ईरान के साथ कूटनीतिक बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले तथा इजराइली आक्रामकता की आलोचना या निंदा नहीं की है और वह गाजा में नरसंहार पर भी चुप है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ईरान पर अमेरिकी वायुसेना की ताकत का इस्तेमाल करने का राष्ट्रपति ट्रंप का निर्णय ईरान के साथ बातचीत जारी रखने के उनके अपने आह्वान का मजाक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, ईरान के साथ तत्काल कूटनीति और बातचीत की अनिवार्यता को दोहराती है। उन्होंने कहा, भारत सरकार को अब तक की तुलना में अधिक नैतिक साहस का प्रदर्शन करना चाहिए।
#JairamRamesh ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ ईरान पर अमेरिकी वायुसेना का इस्तेमाल करने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का निर्णय ईरान के साथ बातचीत जारी रखने के उनके अपने आह्वान का मज़ाक है।” #Iran #Israel https://t.co/9PESQ4LeKf
— Navjivan (@navjivanindia) June 23, 2025
उन्होंने दावा किया, मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से अमेरिकी बमबारी और इजराइल की आक्रामकता, बमबारी और लक्षित हत्याओं की न तो आलोचना की है और न ही निंदा की है। इसने गाजा में फलस्तीनियों पर किए जा रहे नरसंहार पर भी चुप्पी साध रखी है। इससे पहले, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बीते शनिवार को आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने गाजा की स्थिति और इजराइल-ईरान सैन्य संघर्ष पर चुप्पी साधते हुए भारत के सैद्धांतिक रुख और मूल्यों को त्याग दिया है।
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सोनिया गांधी ने कहा था कि सरकार को आवाज बुलंद करनी चाहिए और पश्चिम एशिया में संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए उपलब्ध हर राजनयिक मंच का उपयोग करना चाहिए। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने एक लेख में कहा था, ईरान भारत का लंबे समय से मित्र रहा है और गहरे सभ्यतागत संबंधों से हमारे साथ जुड़ा हुआ है। इसका जम्मू-कश्मीर समेत महत्वपूर्ण मौकों पर दृढ़ समर्थन का इतिहास रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)